इब्रानियों 11:3 - सरल हिन्दी बाइबल यह विश्वास ही है, जिसके द्वारा हमने यह जाना है कि परमेश्वर की आज्ञा मात्र से सारी सृष्टि अस्तित्व में आ गई. वह सब, जो दिखता है उसकी उत्पत्ति देखी हुई वस्तुओं से नहीं हुई. पवित्र बाइबल विश्वास के आधार पर ही हम यह जानते हैं कि परमेश्वर के आदेश से ब्रह्माण्ड की रचना हुई थी। इसलिए जो दृश्य है, वह दृश्य से ही नहीं बना है। Hindi Holy Bible विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्तुओं से बना हो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) विश्वास द्वारा हम जान लेते हैं कि परमेश्वर के शब्द द्वारा विश्व का निर्माण हुआ है और अदृश्य से दृश्य की उत्पत्ति हुई है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) विश्वास ही से हम जान जाते हैं कि सारी सृष्टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। पर यह नहीं कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्तुओं से बना हो। नवीन हिंदी बाइबल विश्वास ही से हम समझते हैं कि परमेश्वर के वचन के द्वारा सारी सृष्टि की रचना ऐसे हुई कि जो वस्तुएँ दिखाई देती हैं वे उनसे रची गईं जो दिखाई नहीं देतीं। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्तुओं से बना हो। (उत्प. 1:1, यूह. 1:3, भज. 33:6-9) |
स्वर्ग याहवेह के आदेश से ही अस्तित्व में आया, तथा समस्त नक्षत्र उनके ही मुख के उच्छ्वास के द्वारा बनाए गए.
क्योंकि उन्हीं के आदेश मात्र से यह पृथ्वी अस्तित्व में आई; उन्हीं के आदेश से यह स्थिर भी हो गई.
अपनी आंख ऊपर उठाकर देखो: किसने यह सब रचा है? वे अनगिनत तारे जो आकाश में दिखते हैं जिनका नाम लेकर बुलाया जाता है. और उनके सामर्थ्य तथा उनके अधिकार की शक्ति के कारण, उनमें से एक भी बिना आए नहीं रहता.
“उनसे तुम्हें यह कहना होगा: ‘वे देवता, जिन्होंने न तो आकाश की और न पृथ्वी की सृष्टि की है, वे पृथ्वी पर से तथा आकाश के नीचे से नष्ट कर दिए जाएंगे.’ ”
याहवेह जो याकोब की निधि हैं इनके सदृश नहीं हैं, क्योंकि वे सभी के सृष्टिकर्ता हैं, इस्राएल उन्हीं के इस निज भाग का कुल है— उनका नाम है सेनाओं का याहवेह.
सारी सृष्टि उनके द्वारा उत्पन्न हुई. सारी सृष्टि में कुछ भी उनके बिना उत्पन्न नहीं हुआ.
“प्रियजन, तुम यह सब क्यों कर रहे हो! हम भी तुम्हारे समान मनुष्य हैं. हम तुम्हारे लिए यह ईश्वरीय सुसमाचार लाए हैं कि तुम इन व्यर्थ की परंपराओं को त्याग कर जीवित परमेश्वर की ओर मन फिराओ, जिन्होंने स्वर्ग, पृथ्वी, समुद्र और इनमें निवास कर रहे प्राणियों की सृष्टि की है.
“वह परमेश्वर जिन्होंने विश्व और उसमें की सब वस्तुओं की सृष्टि की, जो स्वर्ग और पृथ्वी के स्वामी हैं, न तो वह मनुष्य के बनाए मंदिरों में वास करते हैं
जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख है: “मैंने तुम्हें अनेक राष्ट्रों का पिता ठहराया है.” हमारे गोत्रपिता अब्राहाम ने उन्हीं परमेश्वर में विश्वास किया, जो मरे हुओं को जीवन देते हैं तथा अस्तित्व में आने की आज्ञा उन्हें देते हैं, जो हैं ही नहीं.
हम परमेश्वर के ज्ञान का—उस रहस्यमय भेद का—जो गुप्त रखा गया है, प्रकट करते हैं, जिसे परमेश्वर ने युगों से पहले हमारी महिमा के लिए तय किया था.
किंतु अब इस अंतिम समय में उन्होंने हमसे अपने पुत्र के द्वारा बातें की हैं, जिन्हें परमेश्वर ने सारी सृष्टि का वारिस चुना और जिनके द्वारा उन्होंने युगों की सृष्टि की.
जब वे जानबूझकर यह भूल जाते हैं कि प्राचीन काल में परमेश्वर के शब्द मात्र द्वारा आकाशमंडल अस्तित्व में आया तथा शब्द ही के द्वारा जल में से, जल के द्वारा ही पृथ्वी की रचना हुई.
“हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर, आप ही स्तुति, सम्मान तथा सामर्थ्य के योग्य हैं, क्योंकि आपने ही सब कुछ बनाया, तथा आपकी ही इच्छा में इन्हें बनाया गया तथा इन्हें अस्तित्व प्राप्त हुआ.”