2 शमूएल 19:7 - सरल हिन्दी बाइबल अब ऐसा कीजिए: उठिए, बाहर आइए और अपने सैनिकों से सांत्वनापूर्ण शब्दों में बातें कीजिए, नहीं तो जीवित याहवेह की शपथ, यदि आप यह न करेंगे, एक भी सैनिक आज रात आपके साथ देखा न जाएगा. यह आपके लिए ऐसी किसी भी विपदा से कहीं अधिक सोचने लायक होगा, जो आपके बाल्यकाल से आज तक आप पर न आन पड़ी है.” पवित्र बाइबल अब खड़े होओ तथा अपने सेवकों से बात करो और उनको प्रोत्साहित करो। मैं यहोवा की शपथ खाकर कहता हूँ कि यदि तुम यह करने बाहर नहीं निकलते तो आज की रात तुम्हारे साथ कोई व्यक्ति नहीं रह जायेगा। बचपन से आज तक तुम पर जितनी विपत्तियाँ आई हैं, उन सबसे यह विपत्ति और बदतर होगी।” Hindi Holy Bible इसलिये अब उठ कर बाहर जा, और अपने कर्मचारियों को शान्ति दे; तहीं तो मैं यहोवा की शपथ खाकर कहता हूँ, कि यदि तू बाहर न जाएगा, तो आज रात को एक मनुष्य भी तेरे संग न रहेगा; और तेरे बचपन से ले कर अब तक जितनी विपत्तियां तुझ पर पड़ी हैं उन सब से यह विपत्ति बड़ी होगी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब आप उठिए! महल से बाहर निकलिए और अपने सैनिकों से सहृदयता से बात कीजिए। प्रभु की सौगन्ध! यदि आप महल से बाहर नहीं निकलेंगे तो आज रात आपके साथ एक भी सैनिक नहीं रह जाएगा। बचपन से आज तक आप पर जितनी विपत्तियाँ आई हैं, उन सबसे यह विपत्ति आपके लिए असहनीय होगी।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये अब उठकर बाहर जा, और अपने कर्मचारियों को शान्ति दे; नहीं तो मैं यहोवा की शपथ खाकर कहता हूँ, कि यदि तू बाहर न जाएगा, तो आज रात को एक मनुष्य भी तेरे संग न रहेगा; और तेरे बचपन से लेकर अब तक जितनी विपत्तियाँ तुझ पर पड़ी हैं उन सबसे यह विपत्ति बड़ी होगी।” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए अब उठकर बाहर जा, और अपने कर्मचारियों को शान्ति दे; नहीं तो मैं यहोवा की शपथ खाकर कहता हूँ, कि यदि तू बाहर न जाएगा, तो आज रात को एक मनुष्य भी तेरे संग न रहेगा; और तेरे बचपन से लेकर अब तक जितनी विपत्तियाँ तुझ पर पड़ी हैं उन सबसे यह विपत्ति बड़ी होगी।” |
आप उनसे तो प्रेम करते हैं, जिन्हें आपसे प्रेम नहीं, और उनसे घृणा करते हैं, जो आपसे प्रेम करते हैं. आज आपने यह साफ़ कर दिया है कि आपकी दृष्टि में न तो अधिकारियों का कोई महत्व है, न सैनिकों का. आज मुझे यह मालूम हो गया है कि आज यदि अबशालोम जीवित होता और हम सभी मृत, तो आपको अत्यंत हर्ष होता.
प्रजा की विशाल जनसंख्या राजा के लिए गौरव का विषय होती है, किंतु प्रजा के अभाव में प्रशासक नगण्य रह जाता है.
“इसलिये मैं उसे ललचाऊंगा; मैं उसे निर्जन जगह में ले जाऊंगा और उससे कोमलता से बात करूंगा.