“मैं ही हूं, जो अपने नाम के निमित्त तुम्हारे पापों को मिटा देता हूं, तुम्हारे पापों को मैं याद नहीं रखूंगा.
2 कुरिन्थियों 5:19 - सरल हिन्दी बाइबल दूसरे शब्दों में, परमेश्वर ने संसार के खुद से मेल-मिलाप की स्थापना की प्रक्रिया में मसीह में मनुष्य के अपराधों का हिसाब न रखा. अब उन्होंने हमें मेल-मिलाप की सेवकाई सौंप दी है. पवित्र बाइबल हमारा संदेश है कि परमेश्वर लोगों के पापों की अनदेखी करते हुए मसीह के द्वारा उन्हें अपने में मिला रहा है और उसी ने मनुष्य को परमेश्वर से मिलाने का संदेश हमें सौंपा है। Hindi Holy Bible अर्थात परमेश्वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उस ने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर ने मनुष्यों के अपराध उनके खर्चे में न लिख कर मसीह के द्वारा अपने से संसार का मेल कराया और इस मेल-मिलाप के सन्देश का प्रचार हमें सौंप दिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अर्थात् परमेश्वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेलमिलाप कर लिया, और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया, और उस ने मेलमिलाप का वचन हमें सौंप दिया है। नवीन हिंदी बाइबल अर्थात् परमेश्वर ने मसीह में होकर संसार का अपने साथ मेल-मिलाप कर लिया और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया, और मेल-मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अर्थात् परमेश्वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है। |
“मैं ही हूं, जो अपने नाम के निमित्त तुम्हारे पापों को मिटा देता हूं, तुम्हारे पापों को मैं याद नहीं रखूंगा.
तुम्हारे अपराधों को मैंने मिटा दिया है जैसे आकाश से बादल, तथा तुम्हारे पापों को गहरे कोहरे के समान दूर कर दिया है. तुम मेरे पास आ जाओ, क्योंकि मैंने तुम्हें छुड़ा लिया है.”
“एक कुंवारी कन्या गर्भधारण करेगी, पुत्र को जन्म देगी और उसे इम्मानुएल नाम से पुकारा जायेगा.” इम्मानुएल का अर्थ है परमेश्वर हमारे साथ.
उस दिन तुम्हें यह मालूम हो जाएगा कि मैं अपने पिता में हूं, तुम मुझमें हो और मैं तुममें.
आप मुझमें और मैं उनमें कि वे पूरी तरह से एक हो जाएं जिससे संसार पर यह साफ़ हो जाए कि आपने ही मुझे भेजा और आपने उनसे वैसा ही प्रेम किया है जैसा मुझसे.
क्योंकि यदि उनकी अस्वीकृति संसार से परमेश्वर के मेल-मिलाप का कारण बन गई है, तो उनकी स्वीकृति मरे हुओं में से जी उठने के अलावा क्या हो सकती है?
संदेह नहीं है कि परमेश्वर की भक्ति का भेद गंभीर है: वह, जो मनुष्य के शरीर में प्रकट किए गए, पवित्र आत्मा में उनकी परख हुई, वह स्वर्गदूतों द्वारा पहचाने गए, राष्ट्रों में उनका प्रचार किया गया, संसार में रहते हुए उनमें विश्वास किया गया तथा वह महिमा में ऊपर उठा लिए गए.
प्रेम वस्तुतः यह है: परमेश्वर ने हमारे प्रति अपने प्रेम के कारण अपने पुत्र को हमारे पापों के लिए प्रायश्चित बलि होने के लिए भेज दिया—यह नहीं कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया है.