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2 इतिहास 25:19 - सरल हिन्दी बाइबल

तुमने कहा कि, तुमने एदोम को हराया है! तुम घमण्ड़ में चूर होकर ऐसा कह रहे हो. पर घर में शांति से बैठे रहो! क्यों मुसीबत को बुला रहे हो? तुम्हारा तो पतन होगा ही, साथ ही तुम्हारे साथ यहूदिया का भी पतन हो जाएगा.”

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पवित्र बाइबल

तुम कहते हो, ‘मैंने एदोम को हराया है!’ तुम्हें उसका घमंड है औऱ उसकी डींग हाँकते हो। किन्तु तुम्हें घर में घुसे रहना चाहिए। तुम्हें खतरा मोल लेने की आवश्यकता नहीं है। यदि तुम मुझसे युद्ध करोगे ते तुम औऱ यहूदा नष्ट हो जाओगे।”

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Hindi Holy Bible

तू कहता है, कि मैं ने एदोमियों को जीत लिया है; इस कारण तू फूल उठा और बड़ाई मारता है! अपने घर में रह जा; तू अपनी हानि के लिये यहां क्यों हाथ डालता है, इस से तू क्या, वरन यहूदा भी नीचा खाएगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तुम सोचते हो, “मैंने एदोमी सेना को पराजित किया है।” इस कारण तुम्‍हारा हृदय गर्व से फूल उठा है। अपनी अभूतपूर्व विजय से सन्‍तुष्‍ट हो, और घर में ही रहो। तुम अपने अनिष्‍ट को क्‍यों बुला रहे हो? इससे तुम्‍हारा पतन होगा, और तुम्‍हारे साथ समस्‍त यहूदा प्रदेश का भी।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तू कहता है कि मैं ने एदोमियों को जीत लिया है; इस कारण तू फूल उठा और डींग मारता है! अपने घर में रह जा; तू अपनी हानि के लिये यहाँ क्यों हाथ डालता है, इससे तू क्या, वरन् यहूदा भी नीचा खाएगा।”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तू कहता है, कि मैंने एदोमियों को जीत लिया है; इस कारण तू फूल उठा और डींग मारता है! अपने घर में रह जा; तू अपनी हानि के लिये यहाँ क्यों हाथ डालता है, इससे तू क्या, वरन् यहूदा भी नीचा खाएगा।”

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2 इतिहास 25:19
19 क्रॉस रेफरेंस  

मगर अमाज़्याह ने उसकी एक न सुनी; इस प्रकार यह सब याहवेह की ही योजना थी, कि वह उसे यहोआश के अधीन कर दें, क्योंकि वह एदोम के देवताओं की पूजा करने लगा था.


जब वह इस प्रकार मजबूत होता गया, घमण्ड़ ने उसे आ घेरा. वह याहवेह उसके परमेश्वर के लिए सच्चा भी न रह गया. वह याहवेह के मंदिर में चला गया कि वह धूप वेदी पर धूप जलाए.


मगर घमण्ड़ में हिज़किय्याह ने इस उपकार का कोई बदला न दिया. उसका मन फूल चुका था. इसलिये उस पर और यहूदिया और येरूशलेम पर याहवेह का क्रोध टूट पड़ा.


मगर नेको ने उसके लिए इस संदेश के साथ दूत भेजे, “यहूदिया के राजा, आपसे मेरी कोई शत्रुता नहीं है. इस समय मैं आपसे युद्ध करने यहां नहीं आया हूं, बल्कि मैं उस परिवार के विरुद्ध आया हूं, जिससे मेरा विवाद है और परमेश्वर ने ही मुझे पूर्ति का आदेश दिया है. अपने ही हित में आप परमेश्वर के इस काम से अलग रहिए, कहीं ऐसा न हो कि वह आपको नाश करे, क्योंकि परमेश्वर यहां मेरी ओर हैं.”


अहंकार और कुछ नहीं, कलह को ही जन्म देता है, किंतु वे, जो परामर्श का चालचलन करते हैं, बुद्धिमान प्रमाणित होते हैं.


सर्वनाश के पूर्व अहंकार, तथा ठोकर के पूर्व घमंड प्रकट होता है.


मूर्खों का वार्तालाप कलह का प्रवेश है, उनके मुंह की बातें उनकी पिटाई की न्योता देती हैं.


आदरणीय है वह व्यक्ति, जो कलह और विवादों से दूर रहता है, झगड़ालू, वस्तुतः मूर्ख ही होता है.


मार्ग में चलते हुए अपरिचितों के मध्य चल रहे विवाद में हस्तक्षेप करते हुए व्यक्ति की स्थिति वैसी ही होती है, मानो उसने वन्य कुत्ते को उसके कानों से पकड़ लिया हो.


लोभी व्यक्ति कलह उत्पन्‍न करा देता है, किंतु समृद्ध वह हो जाता है, जिसने याहवेह पर भरोसा रखा है.


याहवेह की ओर से यह आदेश है: “न तो बुद्धिमान अपनी बुद्धि का अहंकार करे न शक्तिवान अपने पौरुष का न धनाढ्य अपनी धन संपदा का,


जब इस बड़ी सेना को हरा दिया जाएगा, तब दक्षिण के राजा मन घमंड से भर जाएगा और कई हजार लोगों को मार डालेगा, तौभी वह विजयी बना न रह सकेगा.


“देखो, शत्रु का मन फूला हुआ है; उसकी इच्छाएं बुरी हैं; पर धर्मी जन अपनी विश्वासयोग्यता के कारण जीवित रहेगा,


“या ऐसा कौन राजा होगा, जो दूसरे पर आक्रमण करने के पहले यह विचार न करेगा कि वह अपने दस हज़ार सैनिकों के साथ अपने विरुद्ध बीस हज़ार की सेना से टक्कर लेने में समर्थ है भी या नहीं?


कि कोई भी मनुष्य परमेश्वर के सामने घमंड न करे.


तब तो तुम्हारे हृदय में घमण्ड़ का आना स्वाभाविक ही होगा और तुम याहवेह अपने परमेश्वर को, जिन्होंने तुम्हें मिस्र देश से, उस दासत्व के जीवन से निकाल लिया है, भुला दो.


वह और अधिक अनुग्रह देते हैं, इसलिये लिखा है: “परमेश्वर घमंडियों के विरुद्ध रहते और दीनों को अनुग्रह देते हैं.”


इसी प्रकार युवाओ, तुम प्राचीनों के अधीन रहो तथा तुम सभी एक दूसरे के प्रति दीनता की भावना धारण करो क्योंकि, “परमेश्वर घमंडियों के विरुद्ध रहते और दीनों को अनुग्रह देते हैं.”