इसके बाद आसा ने याहवेह के भवन में बाकी रह गए सोने और चांदी और राजा के भंडार में बचे हुए सोने और चांदी को लेकर अपने सेवकों को दिया, और उन्हें दमेशेक निवासी हेज़ीऑन के पोते, ताब्रिम्मन के पुत्र बेन-हदद के लिए यह कहते हुए भेज दिया,
1 राजाओं 20:9 - सरल हिन्दी बाइबल अहाब ने बेन-हदद के दूतों से यह कहा, “महाराज, मेरे स्वामी से जाकर कहना, ‘आपने अपने सेवक से पहले जो कुछ चाहा था, वह मैं करूंगा, किंतु यह मैं नहीं कर सकता.’ ” दूत लौट गए और दोबारा आकर अहाब को यह संदेश दिया. पवित्र बाइबल इसलिये अहाब ने बेन्हदद को सन्देश भेजा। अहाब ने कहा, “मैं वह कर दूँगा जो तुमने पहले कहा था। किन्तु मैं तुम्हारे दूसरे आदेश का पालन नहीं कर सकता।” राजा बेन्हदद के दूत सन्देश राजा तक ले गये। Hindi Holy Bible तब राजा ने बेन्हदद के दूतों से कहा, मेरे प्रभु राजा से मेरी ओर से कहो, जो कुछ तू ने पहिले अपने दास से चाहा था वह तो मैं करूंगा, परन्तु यह मुझ से न होगा। तब बेन्हदद के दूतों ने जा कर उसे यह उत्तर सुना दिया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: अहाब ने बेन-हदद के दूतों को उत्तर दिया, ‘तुम मेरे स्वामी महाराज से यह कहना : जो मांग आपने अपने सेवक से पहले की थी, उसकी पूर्ति मैं करूंगा। परन्तु इस दूसरी मांग को पूर्ण करने में मैं असमर्थ हूं।’ इस उत्तर के साथ दूत लौट गए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब राजा ने बेन्हदद के दूतों से कहा, “मेरे प्रभु राजा से मेरी ओर से कहो, ‘जो कुछ तू ने पहले अपने दास से चाहा था वह तो मैं करूँगा, परन्तु यह मुझ से न होगा।’ ” तब बेन्हदद के दूतों ने जाकर उसे यह उत्तर सुना दिया। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब राजा ने बेन्हदद के दूतों से कहा, “मेरे प्रभु राजा से मेरी ओर से कहो, ‘जो कुछ तूने पहले अपने दास से चाहा था वह तो मैं करूँगा, परन्तु यह मुझसे न होगा।’” तब बेन्हदद के दूतों ने जाकर उसे यह उत्तर सुना दिया। |
इसके बाद आसा ने याहवेह के भवन में बाकी रह गए सोने और चांदी और राजा के भंडार में बचे हुए सोने और चांदी को लेकर अपने सेवकों को दिया, और उन्हें दमेशेक निवासी हेज़ीऑन के पोते, ताब्रिम्मन के पुत्र बेन-हदद के लिए यह कहते हुए भेज दिया,
उनके लिए बेन-हदद का संदेश था, “देवता मुझसे ऐसा, बल्कि इससे भी अधिक बुरा व्यवहार करें, यदि शमरिया की धूल मेरे थोड़े से पीछे चलने वालों की मुट्ठी भरने के लिए भी काफ़ी हो.”
सारे पुरनियों और सभा के सदस्यों ने एक मत में कहा, “न तो उसकी सुनिए और न ही उसे सहमति दीजिए.”