और प्रभु याहवेह, मानो यह आपकी दृष्टि में पर्याप्त नहीं था, आपने मेरे वंशजों के दूर के भविष्य के विषय में भी प्रतिज्ञा कर दी है. प्रभु परमेश्वर, यह सब केवल मिट्टी मात्र मनुष्य के लिए!
1 यूहन्ना 3:1 - सरल हिन्दी बाइबल विचार तो करो कि कैसा अथाह है हमारे प्रति परमेश्वर पिता का प्रेम, कि हम परमेश्वर की संतान कहलाएं; जो वास्तव में हम हैं. संसार ने परमेश्वर को नहीं पहचाना इसलिये वह हमें भी नहीं पहचानता. पवित्र बाइबल विचार कर देखो कि परम पिता ने हम पर कितना महान प्रेम दर्शाया है! ताकि हम उसके पुत्र-पुत्री कहला सकें और वास्तव में वे हम हैं ही। इसलिए संसार हमें नहीं पहचानता क्योंकि वह मसीह को नहीं पहचानता। Hindi Holy Bible देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उस ने उसे भी नहीं जाना। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पिता ने हमसे कितना महान प्रेम किया है। हम परमेश्वर की सन्तान कहलाते हैं और हम वास्तव में वही हैं। संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने परमेश्वर को नहीं जाना है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) देखो, पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएँ; और हम हैं भी। इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना। नवीन हिंदी बाइबल देखो, पिता ने हमसे कैसा प्रेम किया है कि हम परमेश्वर की संतान कहलाएँ, और हम हैं भी। इस कारण संसार हमें नहीं जानता क्योंकि संसार ने उसे भी नहीं जाना। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 देखो, पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएँ, और हम हैं भी; इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना। |
और प्रभु याहवेह, मानो यह आपकी दृष्टि में पर्याप्त नहीं था, आपने मेरे वंशजों के दूर के भविष्य के विषय में भी प्रतिज्ञा कर दी है. प्रभु परमेश्वर, यह सब केवल मिट्टी मात्र मनुष्य के लिए!
कैसी महान है आपकी भलाई, जो आपने अपने श्रद्धालुओं के निमित्त आरक्षित रखी है, जो आपने अपने शरणागतों के लिए सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की है.
“तब मैंने कहा, “ ‘मेरी अभिलाषा रही कि मैं तुम्हें अपनी सन्तति पुत्रों में सम्मिलित करूं और तुम्हें एक सुखद देश प्रदान करूं, राष्ट्रों में सबसे अधिक मनोहर यह निज भाग.’ और मैंने यह भी कहा तुम मुझे ‘मेरे पिता’ कहकर संबोधित करोगे, और मेरा अनुसरण करना न छोड़ोगे.
“फिर भी इस्राएलियों की संख्या समुद्रतट के बालू के जैसे होगी, जिन्हें न तो नापा जा सकता है और न ही गिना जा सकता है. जिस स्थान पर उनसे यह कहा गया था, ‘तुम मेरी प्रजा नहीं हो,’ उसी स्थान पर वे ‘जीवित परमेश्वर की संतान’ घोषित किए जाएंगे.
जी उठने पर लोग न तो वैवाहिक अवस्था में होंगे और न ही कभी उनकी मृत्यु होगी क्योंकि वहां वे स्वर्गदूतों जैसे होते हैं. जी उठने के परिणामस्वरूप वे परमेश्वर की संतान होंगे.
परंतु जितनों ने उन्हें ग्रहण किया अर्थात् उनके नाम में विश्वास किया, उन सबको उन्होंने परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया;
और न केवल एक जनता के हित में परंतु परमेश्वर की तितर-बितर हुई संतान को इकट्ठा करने के लिए भी.
“हे नीतिमान पिता, संसार ने तो आपको नहीं जाना किंतु मैं आपको जानता हूं, और उनको यह मालूम हो गया है कि आपने ही मुझे भेजा है.
परमेश्वर ने संसार से अपने अपार प्रेम के कारण अपना एकलौता पुत्र बलिदान कर दिया कि हर एक ऐसा व्यक्ति, जो पुत्र में विश्वास करता है, उसका विनाश न हो परंतु वह अनंत जीवन प्राप्त करे.
किंतु परमेश्वर ने हमारे प्रति अपना प्रेम इस प्रकार प्रकट किया कि जब हम पापी ही थे, मसीह येशु ने हमारे लिए अपने प्राण त्याग दिए.
कि स्वयं सृष्टि भी विनाश के दासत्व से छुटकारा पाकर परमेश्वर की संतान की महिमामय स्वतंत्रता प्राप्त करे.
परमेश्वर वह हैं, जिन्होंने अपने निज पुत्र को हम सबके लिए बलिदान कर देने तक में संकोच न किया. भला वह कैसे हमें उस पुत्र के साथ सभी कुछ उदारतापूर्वक न देंगे!
तुम लोग याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की संतान हो; इसलिये किसी मरे हुए व्यक्ति के लिए शोक व्यक्त करने के उद्देश्य से तुम न तो अपनी देह का चीर-फाड़ करोगे और न ही अपने बालों को काटोगे,
क्योंकि तुम्हारी मृत्यु हो चुकी है तथा तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है.
परमेश्वर की संतान व शैतान की संतान की पहचान इसी से हो जाती है: कोई भी व्यक्ति, जिसका जीवन धर्मी नहीं है, परमेश्वर से नहीं है और न ही वह, जिसे अपने भाई से प्रेम नहीं है.
प्रिय भाई बहनो, अब हम परमेश्वर की संतान हैं और अब तक यह प्रकट नहीं किया गया है कि भविष्य में हम क्या बन जाएंगे किंतु हम यह अवश्य जानते हैं कि जब वह प्रकट होंगे तो हम उनके समान होंगे तथा उन्हें वैसा ही देखेंगे ठीक जैसे वह हैं.
तब हमें न्याय के दिन के संदर्भ में निर्भयता प्राप्त हो जाती है क्योंकि संसार में हमारा स्वभाव मसीह के स्वभाव के समान हो गया है, परिणामस्वरूप हमारा आपसी प्रेम सिद्धता की स्थिति में पहुंच जाता है.
जो विजयी होगा, उसे यह उत्तराधिकार प्राप्त होगा: मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरी संतान.