क्या तुमने किसी ऐसे व्यक्ति को देखा है, जो स्वयं को बुद्धिमान समझता है? उसकी अपेक्षा एक मूर्ख से कहीं अधिक अपेक्षा संभव है.
1 कुरिन्थियों 3:18 - सरल हिन्दी बाइबल धोखे में न रहो. यदि तुममें से कोई यह सोच बैठा है कि वह सांसारिक बातों के अनुसार बुद्धिमान है, तो सही यह होगा कि वह स्वयं को “मूर्ख” बना ले कि वह बुद्धिमान बन जाए. पवित्र बाइबल अपने आपको मत छलो। यदि तुममें से कोई यह सोचता है कि इस युग के अनुसार वह बुद्धिमान है तो उसे बस तथाकथित मूर्ख ही बने रहना चाहिये ताकि वह सचमुच बुद्धिमान बन जाये; Hindi Holy Bible कोई अपने आप को धोखा न दे: यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आप को ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने; कि ज्ञानी हो जाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कोई भी अपने को धोखा न दे। यदि आप में से कोई स्वयं को संसार की दृष्टि से ज्ञानी समझता हो, तो वह सचमुच ज्ञानी बनने के लिए अपने को मूर्ख बना ले; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कोई अपने आप को धोखा न दे। यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आप को ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने कि ज्ञानी हो जाए। नवीन हिंदी बाइबल कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुममें से कोई इस संसार में अपने आपको बुद्धिमान समझता है तो वह मूर्ख बने कि बुद्धिमान बन जाए; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आपको ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने कि ज्ञानी हो जाए। |
क्या तुमने किसी ऐसे व्यक्ति को देखा है, जो स्वयं को बुद्धिमान समझता है? उसकी अपेक्षा एक मूर्ख से कहीं अधिक अपेक्षा संभव है.
अपनी ही दृष्टि में स्वयं को बुद्धिमान न मानना; याहवेह के प्रति भय मानना, और बुराई से अलग रहना.
और अब, मेरे पुत्रो, ध्यान से मेरी शिक्षा को सुनो; मेरे मुख से बोले शब्दों से कभी न मुड़ना.
उसने तो राख को अपना भोजन बना लिया है; उसे एक ऐसे दिल ने बहका दिया है, जो स्वयं भटक चुका है; स्वयं को तो वह मुक्त कर नहीं सकता, “जो वस्तु मैंने अपने दाएं हाथ में पकड़ रखी है, क्या वह सच नहीं?”
“यह याहवेह का आदेश है: निःसंदेह कसदी यहां से चले ही जाएंगे, ‘यह कहकर स्वयं को धोखे में न रखो.’ क्योंकि वे यहां से जाएंगे ही नहीं!
“ ‘तुम यह दावा कैसे कर सकते हो, “हम ज्ञानवान हैं, हम याहवेह के विधान को उत्तम रीति से जानते हैं,” ध्यान दो शास्त्रियों की झूठी लेखनी ने विधान को ही झूठा स्वरूप दे दिया है.
वह भूमि, जहां बीज कंटीली झाड़ियों के बीच गिरा, वह व्यक्ति है जो संदेश को सुनता तो है किंतु संसार की चिंताएं तथा सम्पन्नता का छलावा संदेश को दबा देते हैं और वह बिना फल के रह जाता है.
मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं; जो परमेश्वर के राज्य को एक नन्हे बालक के भाव में ग्रहण नहीं करता, उसमें कभी प्रवेश न कर पाएगा.”
मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं; जो परमेश्वर के राज्य को एक नन्हे बालक के भाव में ग्रहण नहीं करता, वह उसमें कभी प्रवेश न कर पाएगा.”
प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “सावधान रहना कि तुम भटका न दिए जाओ, क्योंकि मेरे नाम में अनेक आएंगे और दावा करेंगे, ‘मैं हूं मसीह’ तथा ‘वह समय पास आ गया है,’ किंतु उनकी न सुनना.
प्रिय भाई बहिनो, मैं नहीं चाहता कि तुम इस भेद से अनजान रहो—ऐसा न हो कि तुम अपने ऊपर घमंड करने लगो—इस्राएलियों में यह कुछ भाग की कठोरता निर्धारित संख्या में गैर-यहूदियों के मसीह में आ जाने तक ही है.
तुममें आपस में मेल भाव हो; तुम्हारी सोच में अहंकार न हो परंतु उनसे मिलने-जुलने के लिए तत्पर रहो, जो समाज की दृष्टि में छोटे हैं; स्वयं को ज्ञानवान न समझो.
यदि कोई परमेश्वर के मंदिर को नाश करे तो वह भी परमेश्वर द्वारा नाश कर दिया जाएगा क्योंकि परमेश्वर का मंदिर पवित्र है और स्वयं तुम वह मंदिर हो.
हम मसीह के लिए मूर्ख हैं, किंतु तुम मसीह में एक होकर बुद्धिमान हो! हम दुर्बल हैं और तुम बलवान! तुम आदर पाते हो और हम तिरस्कार!
क्या तुम्हें यह मालूम नहीं कि दुराचारी परमेश्वर के राज्य के अधिकारी न होंगे? इस भ्रम में न रहना: वेश्यागामी, मूर्तिपूजक, व्यभिचारी, परस्त्रीगामी, समलैंगिक,
यदि कोई व्यक्ति कुछ न होने पर भी स्वयं को पहुंचा हुआ समझता है तो वह स्वयं को धोखा देता है.
किसी भ्रम में न रहना: परमेश्वर मज़ाक के विषय नहीं हैं क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटता है.
कोई तुम्हें व्यर्थ की बातों के जाल में न फंसा पाए क्योंकि इन सबके कारण अनाज्ञाकारी व्यक्ति परमेश्वर के क्रोध के भागी होते हैं.
परंतु दुष्ट तथा बहकानेवाले छल करते और स्वयं छले जाते हुए लगातार विनाश के गड्ढे में गिरते जाएंगे.
कभी हम भी निर्बुद्धि, आज्ञा न माननेवाले, गलत, भिन्न-भिन्न प्रकार के सुख-विलास के दास थे; बैरभाव, जलन और घृणा के पात्र के रूप में एक दूसरे के प्रति घृणा में जी रहे थे.
यदि कोई व्यक्ति अपने आपको भक्त समझता है और फिर भी अपनी जीभ पर लगाम नहीं लगाता, वह अपने मन को धोखे में रखे हुए है और उसकी भक्ति बेकार है.
यदि हम पापहीन होने का दावा करते हैं, तो हमने स्वयं को धोखे में रखा है और सच हममें है ही नहीं.