क्योंकि आप तो यही कहेंगे, ‘आप पर मेरे पाप का क्या प्रभाव पड़ता है, और पाप न करने के द्वारा मैंने क्या प्राप्त किया है?’
1 कुरिन्थियों 15:32 - सरल हिन्दी बाइबल इफ़ेसॉस नगर में यदि मैं जंगली पशुओं से सिर्फ मनुष्य की रीति से लड़ता तो मुझे क्या लाभ होता? यदि मरे हुए जीवित नहीं किए जाते तो, जैसी कि उक्ति है: “आओ, हम खाएं-पिएं, क्योंकि कल तो हमारी मृत्यु होनी ही है!” पवित्र बाइबल यदि मैं इफ्रिसुस में जंगली पशुओं के साथ मानवीय स्तर पर ही लड़ा था तो उससे मुझे क्या मिला। यदि मरे हुए जिलाये नहीं जाते, “तो आओ, खायें, पीएँ (मौज मनायें) क्योंकि कल तो मर ही जाना है।” Hindi Holy Bible यदि मैं मनुष्य की रीति पर इफिसुस में वन-पशुओं से लड़ा, तो मुझे क्या लाभ हुआ? यदि मुर्दे जिलाए नहीं जाएंगे, तो आओ, खाए-पीए, क्योंकि कल तो मर ही जाएंगे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह मैं मनुष्य की दृष्टि से कह रहा हूँ: यदि मुझे इफिसुस नगर में “हिंस्र पशुओं” से लड़ना पड़ा तो इससे मुझे क्या लाभ? यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो “हम खायें और पियें; क्योंकि कल हमें मरना ही है!” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि मैं मनुष्य की रीति पर इफिसुस में वन–पशुओं से लड़ा तो मुझे क्या लाभ हुआ? यदि मुर्दे जिलाए नहीं जाएँगे, “तो आओ, खाएँ–पीएँ, क्योंकि कल तो मर ही जाएँगे।” नवीन हिंदी बाइबल यदि मानवीय विचार से मैं इफिसुस में हिंसक पशुओं से लड़ा, तो मुझे क्या लाभ हुआ? यदि मृतक जिलाए नहीं जाते, तो आओ, हम खाएँ-पीएँ, क्योंकि कल तो हमें मरना ही है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि मैं मनुष्य की रीति पर इफिसुस में वन-पशुओं से लड़ा, तो मुझे क्या लाभ हुआ? यदि मुर्दे जिलाए नहीं जाएँगे, “तो आओ, खाएँ-पीएँ, क्योंकि कल तो मर ही जाएँगे।” (यशा. 22:13) |
क्योंकि आप तो यही कहेंगे, ‘आप पर मेरे पाप का क्या प्रभाव पड़ता है, और पाप न करने के द्वारा मैंने क्या प्राप्त किया है?’
हे जवान! अपनी जवानी में आनंदित रहो, इसमें तुम्हारा हृदय तुम्हें आनंदित करे. अपने हृदय और अपनी आंखों की इच्छा पूरी करो. किंतु तुम्हें यह याद रहे कि परमेश्वर इन सभी कामों के बारे में तुम पर न्याय और दंड लाएंगे.
मनुष्य के लिए इससे अच्छा और कुछ नहीं है कि वह खाए, पिए और खुद को विश्वास दिलाए कि उसकी मेहनत उपयोगी है. मैंने यह भी पाया है कि इसमें परमेश्वर का योगदान होता है,
यह सब होने पर भी वहां आनंद मनाया जा रहा है, पशुओं का वध और भेड़ों का संहार, मांस और दाखमधु पीकर कहा जा रहा है कि! “आओ हम खाएं-पिएं, क्योंकि कल तो हमारी मृत्यु होनी ही है!”
वे कहते हैं, “आओ, हम दाखमधु पीकर तृप्त हो जाएं! कल का दिन भी आज के समान, या इससे भी बेहतर होगा.”
तब मैं स्वयं से कहूंगा, “अनेक वर्षों के लिए अब तेरे लिए उत्तम वस्तुएं इकट्ठा हैं. विश्राम कर! खा, पी और आनंद कर!” ’
क्या लाभ है यदि कोई व्यक्ति सारे संसार पर अधिकार तो प्राप्त कर ले किंतु स्वयं को खो दे या उसका जीवन ले लिया जाए?
वे इफ़ेसॉस नगर में आए. पौलॉस उन्हें वहीं छोड़कर यहूदी सभागृह में जाकर यहूदियों से वाद-विवाद करने लगे.
पौलॉस ने उनसे यह कहते हुए आज्ञा चाही “यदि परमेश्वर चाहेंगे तो मैं दोबारा लौटकर तुम्हारे पास आऊंगा” और वह इफ़ेसॉस नगर छोड़कर जलमार्ग से आगे चले गए.
जब अपोल्लॉस कोरिन्थॉस नगर में थे तब पौलॉस दूरवर्तीय प्रदेशों से होते हुए इफ़ेसॉस नगर आए और उनकी भेंट कुछ शिष्यों से हुई.
किंतु यदि हमारे अधर्म परमेश्वर की धार्मिकता दिखाते हैं तो हम क्या कहें? क्या परमेश्वर के क्रोधित होने पर उन्हें अधर्मी कहा जाएगा? मैं यह सब मानवीय नज़रिए से कह रहा हूं,
तुम्हारी शारीरिक दुर्बलताओं को ध्यान में रखते हुए मानवीय दृष्टि से मैं यह कह रहा हूं: जिस प्रकार तुमने अपने अंगों को अशुद्धता और अराजकता के दासत्व के लिए समर्पित कर दिया था, जिसका परिणाम था दिनोंदिन बढ़ती अराजकता; अब तुम अपने अंगों को धार्मिकता के दासत्व के लिए समर्पित कर दो, जिसका परिणाम होगा परमेश्वर के लिए तुम्हारा अलग किया जाना.
प्रिय भाई बहनो, मैं सामान्य जीवन से उदाहरण दे रहा हूं. एक मानवीय वाचा की पुष्टि के बाद उसे न तो कोई अलग करता है और न ही उसमें कुछ जोड़ता है.
ये व्यक्ति उन निर्बुद्धि पशुओं के समान हैं, जिनका जन्म ही ऐसे प्राणियों के रूप में हुआ है कि इन्हें पकड़कर इनका वध किया जाए. ये उन विषयों की उल्लाहना करते हैं, जिनका इन्हें कोई ज्ञान नहीं. ये भी इन्हीं पशुओं के समान नाश हो जाएंगे.
जिनका इन्हें कोई ज्ञान नहीं, ये उन्हीं की बुराई करते और जिन विषयों को मूल रूप से विवेकहीन पशुओं की तरह समझते हैं, उन्हीं के द्वारा नाश हो जाते हैं.