ये सभी अपनी-अपनी पीढ़ियों के अनुसार लेवी के पितरों के कुलों के प्रधान थे, जिनका घर येरूशलेम में ही था.
1 इतिहास 9:33 - सरल हिन्दी बाइबल लेवी के पितरों के कुलों के प्रधान, जो गायक थे, मंदिर के कमरों में ठहराए गए थे. उन्हें अन्य कोई काम सौंपा नहीं गया था, क्योंकि उनका काम ही ऐसा था, जिसमें वे रात-दिन व्यस्त रहते थे. पवित्र बाइबल वे लेवी वंशी जो गायक थे और अपने परिवारों के प्रमुख थे, मन्दिर के कमरों में ठहरते थे। उन्हें अन्य काम नहीं करने पड़ते थे क्योंकि वे मन्दिर में दिन रात काम के लिये उत्तरदायी थे। Hindi Holy Bible और ये गवैथे थे जो लेवीय पितरों के घरानों में मुख्य थे, और कोठरियों में रहते, और और काम से छूटे थे; क्योंकि वे रात-दिन अपने काम में लगे रहते थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अपने-अपने पितृकुल के वंश-क्रमानुसार मन्दिर के गायक ये थे। ये मन्दिर के कमरों में रहते थे। ये मन्दिर की अन्य सेवाओं से मुक्त थे। ये मन्दिर की गान-सेवा में रात-दिन संलग्न रहते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ये गवैये थे जो लेवीय पितरों के घरानों में मुख्य थे, और मन्दिर के कमरों में रहते, और अन्य सेवा के काम से मुक्त थे; क्योंकि वे रात–दिन अपने काम में लगे रहते थे। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ये गवैये थे जो लेवीय पितरों के घरानों में मुख्य थे, और मन्दिर में रहते, और अन्य सेवा के काम से छूटे थे; क्योंकि वे रात-दिन अपने काम में लगे रहते थे। |
ये सभी अपनी-अपनी पीढ़ियों के अनुसार लेवी के पितरों के कुलों के प्रधान थे, जिनका घर येरूशलेम में ही था.
हम आपको यह भी बताना चाहते हैं, कि आप लोगों को पुरोहितों, लेवियों, गायकों, द्वारपालों, भवन के कर्मचारियों तथा परमेश्वर के इस भवन के दासों से न तो कर लेने की, न भेंटे ग्रहण करने की और न चुंगी लेने की अनुमति है.
और मत्तनियाह, जो मीका का पुत्र था, जो ज़ब्दी का, जो आसफ का, जो प्रार्थना में धन्यवाद देने वालों का मुखिया था और बकबुकियाह भाई-बंधुओं में दूसरा पद रखता था; और अब्दा, जो शम्मुआ का पुत्र था, जो गलाल का, जो यदूथून का पुत्र था.
क्योंकि पहले के समय में, यानी दावीद और आसफ के समय में गायकों के लिए एक प्रधान हुआ करता था, जब वे परमेश्वर के लिए स्तुति के गीत और धन्यवाद के गीत प्रस्तुत किया करते थे.
“रेखाबियों के वंशजों के निकट जाकर उनसे याहवेह के भवन में आने का आग्रह करो, उन्हें भवन के किसी कक्ष में ले जाकर उन्हें पीने के लिए द्राक्षारस देना.”