ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




1 इतिहास 26:12 - सरल हिन्दी बाइबल

द्वारपालों के इन दलों को उनके अगुओं की अगुवाई में उन्हीं के संबंधियों के समान याहवेह के भवन में सेवा की जवाबदारी सौंपी गई थी.

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

ये द्वारपालों के समूह के प्रमुख थे। द्वारपालों का यहोवा के मन्दिर में सेवा करने का विशेष ढंग था, जैसा कि उनके सम्बन्धी करते थे।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

द्वारपालों के दल इन मुख्य पुरुषों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

पितृकुलों के अगुओं से ही द्वारपालों के दल संगठित किए गए थे। ये अपने चचेरे भाई-बन्‍धुओं के साथ प्रभु के भवन में सेवा-कार्य करते थे।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

द्वारपालों के दल इन मुख्य पुरुषों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे।

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

द्वारपालों के दल इन मुख्य पुरुषों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे।

अध्याय देखें



1 इतिहास 26:12
7 क्रॉस रेफरेंस  

तब उन्होंने जाकर नगर के द्वारपालों को पुकारा और उन्हें सूचित किया, “हम अरामियों की छावनी तक गए थे, और हमने देखा कि वहां कोई भी सैनिक नहीं है. वहां न किसी व्यक्ति का स्वर सुनाई दे रहा है, और न ही कोई दिखाई दे रहा है सिवाय वहां बंधे हुए घोड़ों, गधों और शांत तंबुओं के.”


इन सभी ने अपनी ज़िम्मेदारियों का ज़िम्मा लेने के उद्देश्य से पासे फेंके-सभी ने, चाहे खास हो या सामान्य, शिक्षक हो या विद्यार्थी.


दूसरा पुत्र था हिलकियाह, तीसरा तेबालियाह और चौथा त्सेरवरियाह. होसाह के पुत्रों और संबंधियों की कुल संख्या तेरह थी.


हर एक परिवार ने, चाहे वह छोटा था या बड़ा, पासा फेंकने की प्रक्रिया द्वारा यह मालूम किया कि उन्हें किस द्वार पर सेवा करनी होगी.


ये सब और इनके पुत्र याहवेह के भवन के द्वारों के अधिकारी थे अर्थात् तंबू के पहरेदार.


पूर्वी द्वार का द्वारपाल इमनाह का पुत्र लेवी कोरे परमेश्वर को चढ़ाई गई स्वेच्छा भेंटों का अधिकारी था, कि वह पवित्र वस्तुओं और याहवेह को दी गई भेंटों को बांटें.


दावीद, आसफ, हेमान और राजा के दर्शी यदूथून द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, आसफ के वंशज गायक भी अपने-अपने ठहराए गए स्थानों पर खड़े हुए थे. द्वारपालों को द्वार छोड़कर जाना ज़रूरी नहीं था, क्योंकि आवश्यक तैयारी उनके भाई-बन्धु लेवियों ने उनके लिए पहले ही कर ली थी.