इसलिये लेवियों ने इसके लिए इन लोगों चुना: योएल के पुत्र हेमान और उसके संबंधियों को, बेरेखियाह के पुत्र आसफ और मेरारी के पुत्रों में से उनके संबंधियों को, कुशायाह के पुत्र एथन को;
1 इतिहास 16:42 - सरल हिन्दी बाइबल हेमान और यदूथून का एक और काम भी था; तुरहियों, झांझों और अन्य वाद्य-यंत्रों पर उस समय बजाना, जब परमेश्वर के लिए गीत गाए जा रहे होते थे. यदूथून के पुत्र द्वारपाल थे. पवित्र बाइबल हेमान और यदूतून उनके साथ थे। उनका काम तुरही और मँजीरा बजाना था। वे अन्य संगीत वाद्य बजाने का काम भी करते थे, जब परमेश्वर की स्तुति के गीत गाये जाते थे। यदूतून का पुत्र द्वार की रखवाली करता था। Hindi Holy Bible और उनके संग उसने हेमान और यदूतून को बजाने वालों के लिये तुरहियां और झांझें और परमेश्वर के गीत गाने के लिये बाजे दिए, और यदूतून के बेटों को फाटक की रखवाली करने को ठहरा दिया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हेमान और यदूतून के पास बजाने के लिए तुरहियां और झांझ थे। इनके अतिरिक्त पवित्र राग बजाने के लिए अन्य वाद्य यन्त्र भी थे। यदूतून के पुत्र द्वार पर नियुक्त थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उनके संग उसने हेमान और यदूतून को बजानेवालों के लिये तुरहियाँ और झाँझें और परमेश्वर के गीत गाने के लिये बाजे दिए, और यदूतून के बेटों को फाटक की रखवाली करने को ठहरा दिया। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उनके संग उसने हेमान और यदूतून को बजानेवालों के लिये तुरहियां और झाँझें और परमेश्वर के गीत गाने के लिये बाजे दिए, और यदूतून के बेटों को फाटक की रखवाली करने को ठहरा दिया। |
इसलिये लेवियों ने इसके लिए इन लोगों चुना: योएल के पुत्र हेमान और उसके संबंधियों को, बेरेखियाह के पुत्र आसफ और मेरारी के पुत्रों में से उनके संबंधियों को, कुशायाह के पुत्र एथन को;
यदूथून-वंशज: यदूथून के वंशज थे गेदालियाह, ज़ेरी, येशाइयाह, शिमेई, हशाबियाह और मत्तीथियाह, ये छः अपने पिता यदूथून के साथ किन्नोर वाद्य यंत्र के संगीत में याहवेह की स्तुति करते, उनके प्रति धन्यवाद प्रकट करते और भविष्यवाणी करते थे.
तुरहीवादकों और गायकों से यह अपेक्षित था कि जब वे याहवेह की स्तुति और धन्यवाद के गीत गाएं, तब यह गायन ऊंची आवाज में हो रहा हो और याहवेह की स्तुति में तुरहियां, झांझ और अन्य वाद्य यंत्र भी शामिल हो गए हों: “वे भले हैं; उनकी करुणा सदा की है.” तब याहवेह का वह भवन एक बादल से भर गया,
पुरोहित अपनी-अपनी चौकियों पर खड़े थे, लेवी भी याहवेह की स्तुति के लिए ठहराए गए वाद्य यंत्र लिए हुए खड़े थे, जो राजा दावीद ने याहवेह की स्तुति के उद्देश्य से बनाए थे, कि वह इन वाद्य-यंत्रों की धुन पर, “उनकी करुणा सदा की है.” गाएं, जब दूसरी ओर इस्राएल खड़ा हुआ होता था.
आपके परिसर में एक दिन, अन्यत्र के हजार दिनों से उत्तमतर है; दुष्टों के मंडप में निवास की अपेक्षा मैं, आपके भवन का द्वारपाल होना उपयुक्त समझता हूं.