जब वे आताद के खलिहान तक, जो यरदन नदी के पार है, पहुँचे, तब वहाँ अत्यन्त भारी विलाप किया; और यूसुफ ने अपने पिता के लिये सात दिन का विलाप कराया।
होशे 9:2 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे न तो खलिहान के अन्न से तृप्त होंगे, और न कुण्ड के दाखमधु से; और नये दाखमधु के घटने से वे धोखा खाएँगे। पवित्र बाइबल किन्तु उन खलिहानों से मिला अन्न इस्राएल को पर्याप्त भोजन नही दे पायेगा। इस्राएल के लिये पर्याप्त दाखमधु भी नहीं रहेगी। Hindi Holy Bible वे न तो खलिहान के अन्न से तृप्त होंगे, और न कुण्ड के दाखमधु से; और न नये दाखमधु के घटने से वे धोखा खाएंगे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर तू खलियान के अन्न से, अंगूर के कुण्ड से भी तृप्त न होगा। नया अंगूर-रस भी तुझे तृप्त न कर सकेगा। सरल हिन्दी बाइबल खलिहानों और अंगूर के रसकुण्डों से लोगों को भोजन नहीं मिलेगा; नई दाखमधु भी उन्हें नहीं मिलेगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे न तो खलिहान के अन्न से तृप्त होंगे, और न कुण्ड के दाखमधु से; और नये दाखमधु के घटने से वे धोखा खाएँगे। |
जब वे आताद के खलिहान तक, जो यरदन नदी के पार है, पहुँचे, तब वहाँ अत्यन्त भारी विलाप किया; और यूसुफ ने अपने पिता के लिये सात दिन का विलाप कराया।
मैं उसकी दाखलताओं और अंजीर के वृक्षों को, जिनके विषय वह कहती है कि यह मेरे छिनाले की प्राप्ति है जिसे मेरे यारों ने मुझे दी है, उन्हें ऐसा उजाड़ूँगा कि वे जंगल से हो जाएँगे, और वन–पशु उन्हें चर डालेंगे।
इस कारण मैं अन्न की ऋतु में अपने अन्न को, और नये दाखमधु के होने के समय में अपने नये दाखमधु को हर लूँगा; और अपना ऊन और सन भी जिन से वह अपना तन ढाँपती है, मैं छीन लूँगा।
तुम जो कंगालों को लताड़ा करते, और भेंट कहकर उनसे अन्न हर लेते हो, इसलिये जो घर तुम ने गढ़े हुए पत्थरों के बनाए हैं, उन में रहने न पाओगे; और जो मनभावनी दाख की बारियाँ तुम ने लगाई हैं, उनका दाखमधु न पीने पाओगे।
तुम ने बहुत उपज की आशा रखी, परन्तु देखो थोड़ी ही है; और जब तुम उसे घर ले आए, तब मैं ने उसको उड़ा दिया। सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, ऐसा क्यों हुआ? क्या इसलिये नहीं, कि मेरा भवन उजाड़ पड़ा है और तुम में से प्रत्येक अपने अपने घर को दौड़ा चला जाता है?
उन दिनों में जब कोई अन्न के बीस नपुओं की आशा से जाता, तब दस ही पाता था, और जब कोई दाखरस के कुण्ड के पास इस आशा से जाता कि पचास बर्तन भर निकालें, तब बीस ही निकलते थे।