मनुष्य के लिये खाने–पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं। मैं ने देखा कि यह भी परमेश्वर की ओर से मिलता है;
सभोपदेशक 2:25 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि खाने–पीने और सुख भोगने में मुझ से अधिक समर्थ कौन है? Hindi Holy Bible क्योंकि खाने-पीने और सुख भोगने में मुझ से अधिक समर्थ कौन है? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि परमेश्वर से दूर रहकर कौन व्यक्ति खा-पी सकता है, और आनन्द मना सकता है? नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि उसकी सहायता के बिना कौन खा-पी और आनंद मना सकता है? सरल हिन्दी बाइबल नहीं तो कौन परमेश्वर से अलग हो खा-पीकर सुखी रह सकता है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि खाने-पीने और सुख भोगने में उससे अधिक समर्थ कौन है? |
मनुष्य के लिये खाने–पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं। मैं ने देखा कि यह भी परमेश्वर की ओर से मिलता है;
जो मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में अच्छा है, उसको वह बुद्धि और ज्ञान और आनन्द देता है; परन्तु पापी को वह दु:ख भरा काम ही देता है कि वह उसको देने के लिये संचय करके ढेर लगाए जो परमेश्वर की दृष्टि में अच्छा हो। यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ना है।