वह बूटेदार वस्त्र पहिने हुए राजा के पास पहुँचाई जाएगी। जो कुमारियाँ उसकी सहेलियाँ हैं, वे उसके पीछे पीछे चलती हुई तेरे पास पहुँचाई जाएँगी।
श्रेष्ठगीत 8:13 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू जो बारियों में रहती है, मेरे मित्र तेरा बोल सुनना चाहते हैं; उसे मुझे भी सुनने दे। पवित्र बाइबल तू जो बागों में रहती है, तेरी ध्वनि मित्र जन सुन रहे हैं। तू मुझे भी उसको सुनने दे! Hindi Holy Bible तू जो बारियों में रहती है, मेरे मित्र तेरा बोल सुनना चाहते हैं; उसे मुझे भी सुनने दे॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘ओ बागों में रहनेवाली, मेरे साथी तेरी आवाज सुनना चाहते हैं, मुझे भी अपनी आवाज सुना।’ सरल हिन्दी बाइबल तुम सभी, जो बगीचों में रहते हो, मेरे साथी तुम्हारी आवाज सुनने के लिए इच्छुक बने रहते हैं. कब सुन सकूंगा, मैं वह आवाज? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू जो बारियों में रहती है, मेरे मित्र तेरा बोल सुनना चाहते हैं; उसे मुझे भी सुनने दे। वधू |
वह बूटेदार वस्त्र पहिने हुए राजा के पास पहुँचाई जाएगी। जो कुमारियाँ उसकी सहेलियाँ हैं, वे उसके पीछे पीछे चलती हुई तेरे पास पहुँचाई जाएँगी।
हे मेरे प्राणप्रिय, मुझे बता, तू अपनी भेड़–बकरियाँ कहाँ चराता है, दोपहर को तू उन्हें कहाँ बैठाता है; मैं क्यों तेरे संगियों की भेड़–बकरियों के पास घूँघट काढ़े हुए भटकती फिरूँ?
हे उत्तर वायु जाग, और हे दक्खिनी वायु चली आ! मेरी बारी पर बह, जिससे उसकी सुगन्ध फैले। मेरा प्रेमी अपनी बारी में आये, और उसके उत्तम उत्तम फल खाए।
मैं अखरोट की बारी में उतर गई, कि तराई के फूल देखूँ, और देखूँ कि दाखलता में कलियें लगीं, और अनारों के फूल खिले कि नहीं।
मेरा प्रेमी अपनी बारी में अर्थात् बलसान की क्यारियों की ओर गया है, कि बारी में अपनी भेड़–बकरियाँ चराए और सोसन फूल बटोरे।
मेरी निज दाख की बारी मेरे ही लिये है; हे सुलैमान, हज़ार तुझी को और फल के रखवालों को दो सौ मिलें।
और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ : और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ।”
यदि तुम मुझ में बने रहो और मेरा वचन तुम में बना रहे, तो जो चाहो माँगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं माँगा; माँगो, तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।
उसने कहा, “जा।” तब उसने उसे दो महीने की छुट्टी दी; इसलिये वह अपनी सहेलियों सहित चली गई, और पहाड़ों पर अपने कुँवारेपन पर रोती रही।