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व्यवस्थाविवरण 11:11 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो वह पहाड़ों और तराइयों का देश है, और आकाश की वर्षा के जल से सिंचता है;

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पवित्र बाइबल

लेकिन जो प्रदेश तुम शीघ्र ही पाओगे, वैसा नहीं है। इस्राएल में पर्वत और घाटियाँ हैं। यहाँ की भूमि वर्षा से जल प्राप्त करती है जो आकाश से गिरती है।

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Hindi Holy Bible

परन्तु जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो वह पहाड़ों और तराईयों का देश है, और आकाश की वर्षा के जल से सिंचता है;

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

परन्‍तु जिस देश पर तुम अधिकार करने के लिए जा रहे हो, वह पहाड़ियों और घाटियों का देश है। वह आकाश की वर्षा के द्वारा सींचा जाता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

वस्तुतः जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से तुम उसमें प्रवेश करने ही पर हो, वह पहाड़ियों और घाटियों का देश है, जो आकाश से हुई बारिश का जल जमा करता रहता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो वह पहाड़ों और तराइयों का देश है, और आकाश की वर्षा के जल से सींचता है;

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व्यवस्थाविवरण 11:11
10 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्‍वर तुझे आकाश से ओस, और भूमि की उत्तम से उत्तम उपज, और बहुत सा अनाज और नया दाखमधु दे।


हे परमेश्‍वर, तू ने बहुतायत की वर्षा की; तेरा निज भाग बहुत सूखा था, परन्तु तूने उसको हरा–भरा किया है;


घमण्ड के मुकुट पर हाय! जो एप्रैम के मतवालों का है, और उनकी भड़कीली सुन्दरता पर जो मुर्झानेवाला फूल है, जो अति उपजाऊ तराई के सिरे पर दाखमधु से मतवालों की है।


और मैं तुम को इस उपजाऊ देश में ले आया कि उसका फल और उत्तम उपज खाओ; परन्तु मेरे इस देश में आकर तुम ने इसे अशुद्ध किया, और मेरे इस निज भाग को घृणित कर दिया है।


इस कारण, हे इस्राएल के पहाड़ो, परमेश्‍वर यहोवा का वचन सुनो, परमेश्‍वर यहोवा तुम से यों कहता है : अर्थात् पहाड़ों और पहाड़ियों से और नालों और तराइयों से, और उजड़े हुए खण्डहरों और निर्जन नगरों से जो चारों ओर की बची हुई जातियों से लुट गए और उनके हँसने के कारण हो गए हैं;


देखो, जिस देश के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो वह मिस्र देश के समान नहीं है, जहाँ से निकलकर आए हो, जहाँ तुम बीज बोते थे और हरे साग के खेत की रीति के अनुसार अपने पाँव से नालियाँ बनाकर सींचते थे;


क्योंकि जो भूमि वर्षा के पानी को, जो उस पर बार–बार पड़ता है, पी पीकर जिन लोगों के लिये वह जोती–बोई जाती है उनके काम का साग–पात उपजाती है, वह परमेश्‍वर से आशीष पाती है।