फिर उसने मुझ से कहा, “ये उत्तरी और दक्षिणी कोठरियाँ जो आँगन के सामने हैं, वे ही पवित्र कोठरियाँ हैं, जिन में यहोवा के समीप जानेवाले याजक परमपवित्र वस्तुएँ खाया करेंगे, वे परमपवित्र वस्तुएँ, और अन्नबलि, और पापबलि, और दोषबलि, वहीं रखेंगे; क्योंकि वह स्थान पवित्र है।
“हारून और उसके पुत्रों से यह कह कि पापबलि की व्यवस्था यह है : जिस स्थान में होमबलिपशु वध किया जाता है उसी में पापबलिपशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है।
‘यदि कोई अपने वस्त्र के आँचल में पवित्र मांस बाँधकर, उसी आँचल से रोटी या पकाए हुए भोजन या दाखमधु या तेल या किसी प्रकार के भोजन को छुए, तो क्या वह भोजन पवित्र ठहरेगा?’ ” याजकों ने उत्तर दिया, “नहीं”।