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लैव्यव्यवस्था 14:54 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

सब भाँति के कोढ़ की व्याधि, और सेंहुए,

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पवित्र बाइबल

वे नियम भयानक चर्मरोग के,

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Hindi Holy Bible

सब भांति के कोढ़ की व्याधि, और सेहुएं,

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यह सब प्रकार के कुष्‍ठ-रोग जैसे दाग अर्थात् खाज,

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नवीन हिंदी बाइबल

सब प्रकार के कोढ़ के रोग, चकत्ते के रोग,

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सरल हिन्दी बाइबल

किसी भी प्रकार के कोढ़ के रोग के लिए यही विधि है; सेहुंआ के लिए,

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

सब भाँति के कोढ़ की व्याधि, और सेंहुएँ,

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लैव्यव्यवस्था 14:54
16 क्रॉस रेफरेंस  

पशुओं, पक्षियों, और सब जलचरी प्राणियों, और पृथ्वी पर सब रेंगनेवाले प्राणियों के विषय में यही व्यवस्था है,


जब याजक उसके चर्म की व्याधि को देखे, और यदि उस व्याधि के स्थान के रोएँ उजले हो गए हों और व्याधि चर्म से गहरी दिखाई पड़े, तो वह जान ले कि कोढ़ की व्याधि है; और याजक उस मनुष्य को देखकर उसको अशुद्ध ठहराए।


“कोढ़ी के शुद्ध ठहराने की व्यवस्था यह है। वह याजक के पास पहुँचाया जाए;


जिसे कोढ़ की व्याधि हुई हो, और उसके इतनी पूंजी न हो कि वह शुद्ध ठहरने की सामग्री को ला सके, तो उसके लिये यही व्यवस्था है।”


तब वह जीवित पक्षी को नगर से बाहर मैदान में छोड़ दे; इसी रीति से वह घर के लिये प्रायश्‍चित्त करे, तब वह शुद्ध ठहरेगा।”


जिसके प्रमेह हो और जो पुरुष वीर्य स्खलित होने से अशुद्ध हो;


“अन्नबलि की व्यवस्था इस प्रकार है : हारून के पुत्र उसको वेदी के आगे यहोवा के समीप ले आएँ।


“हारून और उसके पुत्रों से यह कह कि पापबलि की व्यवस्था यह है : जिस स्थान में होमबलिपशु वध किया जाता है उसी में पापबलिपशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है।


“हारून और उसके पुत्रों को आज्ञा देकर यह कह कि होमबलि की व्यवस्था यह है : होमबलि ईंधन के ऊपर रात भर भोर तक वेदी पर पड़ा रहे, और वेदी की अग्नि वेदी पर जलती रहे।


“फिर दोषबलि की व्यवस्था यह है। वह परमपवित्र है;


होमबलि, अन्नबलि, पापबलि, दोषबलि, याजकों के संस्कार बलि, और मेलबलि की व्यवस्था यही है;


“यदि कोई मनुष्य डेरे में मर जाए तो व्यवस्था यह है : जितने उस डेरे में रहें, या उसमें जाएँ, वे सब सात दिन तक अशुद्ध रहें।


“जलन की व्यवस्था यही है, चाहे कोई स्त्री अपने पति को छोड़ दूसरे की ओर फिरके अशुद्ध हो,


“फिर जब नाज़ीर के न्यारे रहने के दिन पूरे हों, उस समय के लिये उसकी यह व्यवस्था है; अर्थात् वह मिलापवाले तम्बू के द्वार पर पहुँचाया जाए,


“कोढ़ की व्याधि के विषय में चौकस रहना, और जो कुछ लेवीय याजक तुम्हें सिखाएँ उसी के अनुसार यत्न से करने में चौकसी करना; जैसी आज्ञा मैं ने उनको दी है वैसा करने में चौकसी करना।