लोग किसी मनुष्य को मिट्टी दे रहे थे कि एक दल उन्हें दिखाई पड़ा, तब उन्होंने उस शव को एलीशा की कबर में डाल दिया, और एलीशा की हड्डियों से छूते ही वह जी उठा, और अपने पावों के बल खड़ा हो गया।
लूका 6:19 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सब उसे छूना चाहते थे, क्योंकि उसमें से सामर्थ्य निकलकर सब को चंगा करती थी। पवित्र बाइबल समूची भीड़ उसे छू भर लेने के प्रयत्न में थी क्योंकि उसमें से शक्ति निकल रही थी और उन सब को निरोग बना रही थी! Hindi Holy Bible और सब उसे छूना चाहते थे, क्योंकि उस में से सामर्थ निकलकर सब को चंगा करती थी॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सब लोग येशु को स्पर्श करने का प्रयत्न कर रहे थे, क्योंकि उन से शक्ति निकल कर सब को स्वस्थ कर रही थी। नवीन हिंदी बाइबल सब लोग उसे छूना चाहते थे, क्योंकि उसमें से सामर्थ्य निकलकर सब को स्वस्थ कर रहा था। सरल हिन्दी बाइबल सभी लोग उन्हें छूने का प्रयास कर रहे थे क्योंकि उनसे निकली हुई सामर्थ्य उन सभी को स्वस्थ कर रही थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और सब उसे छूना चाहते थे, क्योंकि उसमें से सामर्थ्य निकलकर सब को चंगा करती थी। |
लोग किसी मनुष्य को मिट्टी दे रहे थे कि एक दल उन्हें दिखाई पड़ा, तब उन्होंने उस शव को एलीशा की कबर में डाल दिया, और एलीशा की हड्डियों से छूते ही वह जी उठा, और अपने पावों के बल खड़ा हो गया।
और उससे विनती करने लगे कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आँचल ही को छूने दे; और जितनों ने उसे छुआ, वे चंगे हो गए।
क्योंकि उसने बहुतों को चंगा किया था, इसलिये जितने लोग रोग–ग्रस्त थे, उसे छूने के लिये उस पर गिरे पड़ते थे।
यीशु ने तुरन्त अपने में जान लिया कि मुझ में से सामर्थ्य निकली है, और भीड़ में पीछे फिरकर पूछा, “मेरा वस्त्र किसने छुआ?”
और जहाँ कहीं वह गाँवों, नगरों, या बस्तियों में जाता था, लोग बीमारों को बाजारों में रखकर उससे विनती करते थे कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आँचल ही को छू लेने दे : और जितने उसे छूते थे, सब चंगे हो जाते थे।
एक दिन ऐसा हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी और व्यवस्थापक वहाँ बैठे हुए थे जो गलील और यूहदिया के हर एक गाँव से और यरूशलेम से आए थे, और चंगा करने के लिये प्रभु की सामर्थ्य उसके साथ थी।
जो उसकी सुनने और अपनी बीमारियों से चंगा होने के लिये उसके पास आए थे, वहाँ थे। और अशुद्ध आत्माओं के सताए हुए लोग भी अच्छे किए जाते थे।
यहाँ तक कि रूमाल और अंगोछे उसकी देह से स्पर्श करा कर बीमारों पर डालते थे, और उनकी बीमारियाँ जाती रहती थीं; और दुष्टात्माएँ उनमें से निकल जाया करती थीं।
पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज–पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।