तब अब्राहम ने होमबलि की लकड़ी ले अपने पुत्र इसहाक पर लादी, और आग और छुरी को अपने हाथ में लिया; और वे दोनों एक साथ चल पड़े।
लूका 24:26 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या अवश्य न था कि मसीह ये दु:ख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे?” पवित्र बाइबल क्या मसीह के लिये यह आवश्यक नहीं था कि वह इन यातनाओं को भोगे और इस प्रकार अपनी महिमा में प्रवेश करे?” Hindi Holy Bible क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्या यह अनिवार्य नहीं था कि मसीह यह सब दु:ख भोगें और इस प्रकार अपनी महिमा में प्रवेश करें?” नवीन हिंदी बाइबल क्या मसीह के लिए आवश्यक न था कि वह ये दुःख उठाए और अपनी महिमा में प्रवेश करे?” सरल हिन्दी बाइबल क्या मसीह के लिए यह ज़रूरी न था कि वह सभी यातनाएं सह कर अपनी महिमा में प्रवेश करे?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुःख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे?” |
तब अब्राहम ने होमबलि की लकड़ी ले अपने पुत्र इसहाक पर लादी, और आग और छुरी को अपने हाथ में लिया; और वे दोनों एक साथ चल पड़े।
उन बासठ सप्ताहों के बीतने पर अभिषिक्त पुरुष काटा जाएगा : और उसके हाथ कुछ न लगेगा; और आनेवाले प्रधान की प्रजा नगर और पवित्रस्थान को नष्ट तो करेगी। परन्तु उस प्रधान का अन्त ऐसा होगा जैसा बाढ़ से होता है; तौभी उसके अन्त तक लड़ाई होती रहेगी; क्योंकि उसका उजड़ जाना निश्चय ठान लिया गया है।
सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, “हे तलवार, मेरे ठहराए हुए चरवाहे के विरुद्ध अर्थात् जो पुरुष मेरा स्वजाति है, उसके विरुद्ध चल। तू उस चरवाहे को काट, तब भेड़–बकरियाँ तितर–बितर हो जाएँगी; और बच्चों पर मैं अपने हाथ बढ़ाऊँगा।
फिर उसने उनसे कहा, “ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कही थीं कि अवश्य है कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और भजनों की पुस्तकों में मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों।”
‘अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ में पकड़वाया जाए, और क्रूस पर चढ़ाया जाए, और तीसरे दिन जी उठे’।”
अत: जब वह मुर्दों में से जी उठा तो उसके चेलों को स्मरण आया कि उसने यह कहा था; और उन्होंने पवित्रशास्त्र और उस वचन की जो यीशु ने कहा था, प्रतीति की।
और उनका अर्थ खोल खोलकर समझाता था कि मसीह को दु:ख उठाना, और मरे हुओं में से जी उठना, अवश्य था; और “यही यीशु जिसकी मैं तुम्हें कथा सुनाता हूँ, मसीह है।”
और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके क्रूस का दु:ख सहा, और परमेश्वर के सिंहासन की दाहिनी ओर जा बैठा।
उन्होंने इस बात की खोज की कि मसीह का आत्मा जो उनमें था, और पहले ही से मसीह के दु:खों की और उसके बाद होनेवाली महिमा की गवाही देता था, वह कौन से और कैसे समय की ओर संकेत करता था।
हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया,