और उनको चिताता था कि उनको फिर अपनी व्यवस्था के अधीन कर दे। परन्तु वे अभिमान करते रहे और तेरी आज्ञाएँ नहीं मानते थे, और तेरे नियम, जिनको यदि मनुष्य माने, तो उनके कारण जीवित रहे, उनके विरुद्ध पाप करते, और हठ करके अपना कन्धा हटाते और न सुनते थे।
लूका 10:28 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उससे कहा, “तू ने ठीक उत्तर दिया, यही कर तो तू जीवित रहेगा।” पवित्र बाइबल तब यीशु ने उस से कहा, “तू ने ठीक उत्तर दिया है। तो तू ऐसा ही कर इसी से तू जीवित रहेगा।” Hindi Holy Bible उस ने उस से कहा, तू ने ठीक उत्तर दिया है, यही कर: तो तू जीवित रहेगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने उससे कहा, “तुमने ठीक उत्तर दिया। यही करो और तुम जीवन प्राप्त करोगे।” नवीन हिंदी बाइबल अतः यीशु ने उससे कहा,“तूने ठीक उत्तर दिया; यही कर तो तू जीवित रहेगा।” सरल हिन्दी बाइबल प्रभु येशु ने उससे कहा, “तुम्हारा उत्तर बिलकुल सही है. यही करने से तुम जीवित रहोगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने उससे कहा, “तूने ठीक उत्तर दिया, यही कर तो तू जीवित रहेगा।” (लैव्य. 18:5) |
और उनको चिताता था कि उनको फिर अपनी व्यवस्था के अधीन कर दे। परन्तु वे अभिमान करते रहे और तेरी आज्ञाएँ नहीं मानते थे, और तेरे नियम, जिनको यदि मनुष्य माने, तो उनके कारण जीवित रहे, उनके विरुद्ध पाप करते, और हठ करके अपना कन्धा हटाते और न सुनते थे।
जो आज्ञा को मानता, वह अपने प्राण की रक्षा करता है, परन्तु जो अपने चालचलन के विषय में निश्चिन्त रहता है, वह मर जाता है।
वहाँ उनको मैं ने अपनी विधियाँ बताईं और अपने नियम भी बताए कि जो मनुष्य उनको माने, वह उनके कारण जीवित रहेगा।
तौभी इस्राएल के घराने ने जंगल में मुझ से विद्रोह किया; वे मेरी विधियों पर न चले, और मेरे नियमों को तुच्छ जाना, जिन्हें यदि मनुष्य माने तो वह उनके कारण जीवित रहेगा;* और उन्होंने मेरे विश्रामदिनों को अति अपवित्र किया। “तब मैं ने कहा, मैं जंगल में इन पर अपनी जलजलाहट भड़काकर इनका अन्त कर डालूँगा।
परन्तु उनकी सन्तान ने भी मुझ से विद्रोह किया; वे मेरी विधियों पर न चले, न मेरे नियमों के मानने में चौकसी की; जिन्हें यदि मनुष्य माने तो वह उनके कारण जीवित रहेगा; मेरे विश्रामदिनों को उन्होंने अपवित्र किया। “तब मैं ने कहा, मैं जंगल में उन पर अपनी जलजलाहट भड़काकर अपना कोप दिखलाऊँगा।
इसलिये तुम मेरे नियमों और मेरी विधियों को निरन्तर मानना; जो मनुष्य उनको माने वह उनके कारण जीवित रहेगा। मैं यहोवा हूँ।
उसने उससे कहा, “तू मुझ से भलाई के विषय में क्यों पूछता है? भला तो एक ही है, पर यदि तू जीवन में प्रवेश करना चाहता है, तो आज्ञाओं को माना कर।”
जब यीशु ने देखा कि उसने समझ से उत्तर दिया, तो उससे कहा, “तू परमेश्वर के राज्य से दूर नहीं।” और किसी को फिर उससे कुछ पूछने का साहस न हुआ।
शमौन ने उत्तर दिया, “मेरी समझ में वह, जिसका उसने अधिक छोड़ दिया।” उसने उससे कहा, “तू ने ठीक विचार किया है।”
हम जानते हैं कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं; इसलिये कि हर एक मुँह बंद किया जाए और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे;
पर व्यवस्था का विश्वास से कोई सम्बन्ध नहीं; क्योंकि “जो उनको मानेगा, वह उनके कारण जीवित रहेगा।”
और यहोवा ने हमें ये सब विधियाँ पालन करने की आज्ञा दी, इसलिये कि हम अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और इस रीति सदैव हमारा भला हो, और वह हम को जीवित रखे, जैसा कि आज के दिन है।