क्या ही धन्य है वह पुरुष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता है!
रोमियों 5:6 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। पवित्र बाइबल क्योंकि हम जब अभी निर्बल ही थे तो उचित समय पर हम भक्तिहीनों के लिए मसीह ने अपना बलिदान दिया। Hindi Holy Bible क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब हम निस्सहाय थे, तभी निर्धारित समय पर मसीह हम अधर्मियों के लिए मरे। नवीन हिंदी बाइबल जब हम निर्बल ही थे, तब उचित समय पर मसीह भक्तिहीनों के लिए मरा। सरल हिन्दी बाइबल जब हम निर्बल ही थे, सही समय पर मसीह येशु ने अधर्मियों के लिए मृत्यु स्वीकार की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। |
क्या ही धन्य है वह पुरुष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता है!
सिय्योन की पुत्री का सारा प्रताप जाता रहा है। उसके हाकिम ऐसे हरिणों के समान हो गए हैं जिन्हें कोई चरागाह नहीं मिलती; वे खदेड़नेवालों के सामने से बलहीन होकर भागते हैं।
तब उत्तर देश का राजा आकर घेराबन्दी करेगा और दृढ़ नगर ले लेगा; और दक्षिण देश के न तो प्रधान खड़े रहेंगे और न बड़े वीर, क्योंकि किसी में खड़े रहने का बल न रहेगा।
और इस रीति से सारा इस्राएल उद्धार पाएगा। जैसा लिखा है, “छुड़ानेवाला सिय्योन से आएगा, और अभक्ति को याकूब से दूर करेगा;
परन्तु जो काम नहीं करता वरन् भक्तिहीन के धर्मी ठहरानेवाले पर विश्वास करता है, उसका विश्वास उसके लिये धार्मिकता गिना जाता है।
क्योंकि बैरी होने की दशा में उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ, तो फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएँगे?
किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो दुर्लभ है; परन्तु हो सकता है किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी साहस करे।
परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।
जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया, वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्यों न देगा?
फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह ही है जो मर गया वरन् मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर के दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।
मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूँ, अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है; और मैं शरीर में अब जो जीवित हूँ तो केवल उस विश्वास से जीवित हूँ जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिस ने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिये अपने आप को दे दिया।
परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के अधीन उत्पन्न हुआ,
और प्रेम में चलो जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया, और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट करके बलिदान कर दिया।
उसने तुम्हें भी, जो अपने अपराधों और अपने शरीर की खतनारहित दशा में मुर्दा थे, उसके साथ जिलाया, और हमारे सब अपराधों को क्षमा किया,
क्योंकि परमेश्वर ने हमें क्रोध के लिये नहीं, परन्तु इसलिये ठहराया है कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करें।
यह जानकर कि व्यवस्था धर्मी जन के लिये नहीं पर अधर्मियों, निरंकुशों, भक्तिहीनों, पापियों, अपवित्र और अशुद्ध मनुष्यों, माँ–बाप के घात करनेवालों, हत्यारों,
और हमें चेतावनी देता है कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेरकर इस युग में संयम और धर्म और भक्ति से जीवन बिताएँ;
क्योंकि हर एक महायाजक भेंट और बलिदान चढ़ाने के लिये ठहराया जाता है, इस कारण अवश्य है कि इस याजक के पास भी कुछ चढ़ाने के लिये हो।
नहीं तो जगत की उत्पत्ति से लेकर उसको बार–बार दु:ख उठाना पड़ता; पर अब युग के अन्त में वह एक ही बार प्रगट हुआ है, ताकि अपने ही बलिदान के द्वारा पाप को दूर कर दे।
उसका ज्ञान तो जगत की उत्पत्ति के पहले ही से जाना गया था, पर अब इस अन्तिम युग में तुम्हारे लिये प्रगट हुआ।
पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे गए हैं कि जलाए जाएँ; और ये भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नष्ट होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
कि सबका न्याय करे, और सब भक्तिहीनों को उनके अभक्ति के सब कामों के विषय में जो उन्होंने भक्तिहीन होकर किए हैं, और उन सब कठोर बातों के विषय में जो भक्तिहीन पापियों ने उसके विरोध में कही हैं, दोषी ठहराए।”
वे तुम से कहा करते थे, “पिछले दिनों में ऐसे ठट्ठा करनेवाले होंगे जो अपनी अभक्ति की अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।”
क्योंकि कितने ऐसे मनुष्य चुपके से हम में आ मिले हैं, जिनके इस दण्ड का वर्णन पुराने समय में पहले ही से लिखा गया था : ये भक्तिहीन हैं, और हमारे परमेश्वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते हैं, और हमारे एकमात्र स्वामी और प्रभु यीशु मसीह का इन्कार करते हैं।