“जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है।
रोमियों 15:7 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये, जैसा मसीह ने परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो। पवित्र बाइबल इसलिए एक दूसरे को अपनाओ जैसे तुम्हें मसीह ने अपनाया। यह परमेश्वर की महिमा के लिए करो। Hindi Holy Bible इसलिये, जैसा मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जिस प्रकार मसीह ने हमें परमेश्वर की महिमा के लिए अपनाया, उसी प्रकार आप एक-दूसरे को भ्रातृभाव से अपनायें। नवीन हिंदी बाइबल इसलिए एक दूसरे को ग्रहण करो, जैसे मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिए तुम्हें ग्रहण किया है। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये एक दूसरे को स्वीकार करो—ठीक जिस प्रकार मसीह ने परमेश्वर की महिमा के लिए हमें स्वीकार किया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए, जैसा मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो। |
“जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है।
“जो कोई मेरे नाम से ऐसे बालकों में से किसी एक को भी ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता, वह मुझे नहीं, वरन् मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है।”
पर फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ाकर कहने लगे, “यह तो पापियों से मिलता है और उनके साथ खाता भी है।”
और उनसे कहा, “जो कोई मेरे नाम से इस बालक को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है, क्योंकि जो तुम में सबसे छोटे से छोटा है, वही बड़ा है।”
मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूँ कि एक दूसरे से प्रेम रखो; जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।
जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, और जो कोई मेरे पास आएगा उसे मैं कभी न निकालूँगा।
और अन्यजातीय भी दया के कारण परमेश्वर की स्तुति करें; जैसा लिखा है, “इसलिये मैं जाति–जाति में तेरा धन्यवाद करूँगा, और तेरे नाम के भजन गाऊँगा।”
जिसके द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक जिसमें हम बने हैं, हमारी पहुँच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।
और तुम्हारे मन की आँखें ज्योतिर्मय हों कि तुम जान लो कि उसकी बुलाहट की आशा क्या है, और पवित्र लोगों में उसकी मीरास की महिमा का धन कैसा है,
और यदि किसी को किसी पर दोष देने का कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो; जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।