मैं मुँह के फल का सृजनहार हूँ; यहोवा ने कहा है, जो दूर और जो निकट हैं, दोनों को पूरी शान्ति मिले; और मैं उसको चंगा करूँगा।
रोमियों 10:8 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु वह क्या कहती है? यह कि “वचन तेरे निकट है, तेरे मुँह में और तेरे मन में है,” यह वही विश्वास का वचन है, जो हम प्रचार करते हैं, पवित्र बाइबल शास्त्र यह कहता है: “वचन तेरे पास है, तेरे होठों पर है और तेरे मन में है।” यानी विश्वास का वह वचन जिसका हम प्रचार करते है। Hindi Holy Bible परन्तु वह क्या कहती है? यह, कि वचन तेरे निकट है, तेरे मुंह में और तेरे मन में है; यह वही विश्वास का वचन है, जो हम प्रचार करते हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु उस धार्मिकता का कथन क्या है?, “वचन तुम्हारे पास है, वह तुम्हारे मुख में और तुम्हारे हृदय में है।” यह विश्वास का वह वचन है, जिसका हम प्रचार करते हैं। नवीन हिंदी बाइबल परंतु वह क्या कहती है? वचन तेरे निकट है, वह तेरे मुँह में और तेरे मन में है, यह विश्वास का वचन है जिसका हम प्रचार करते हैं। सरल हिन्दी बाइबल क्या है इसका मतलब: परमेश्वर का वचन तुम्हारे पास है—तुम्हारे मुख में तथा तुम्हारे हृदय में—विश्वास का वह संदेश, जो हमारे प्रचार का विषय है: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु क्या कहती है? यह, कि “वचन तेरे निकट है, तेरे मुँह में और तेरे मन में है,” यह वही विश्वास का वचन है, जो हम प्रचार करते हैं। |
मैं मुँह के फल का सृजनहार हूँ; यहोवा ने कहा है, जो दूर और जो निकट हैं, दोनों को पूरी शान्ति मिले; और मैं उसको चंगा करूँगा।
उसकी सब भविष्यद्वक्ता गवाही देते हैं कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, उसको उसके नाम के द्वारा पापों की क्षमा मिलेगी।”
मैं तुम से केवल यह जानना चाहता हूँ कि तुम ने आत्मा को, क्या व्यवस्था के कामों से या विश्वास के समाचार से पाया?
जो तुम्हें आत्मा दान करता और तुम में सामर्थ्य के काम करता है, वह क्या व्यवस्था के कामों से या सुसमाचार पर विश्वास से ऐसा करता है?
यदि तू भाइयों को इन बातों की सुधि दिलाता रहेगा, तो मसीह यीशु का अच्छा सेवक ठहरेगा; और विश्वास और उस अच्छे उपदेश की बातों से, जो तू मानता आया है, तेरा पालन–पोषण होता रहेगा।
क्योंकि तुम ने नाशवान् नहीं पर अविनाशी बीज से, परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है।
परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता है।” और यही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था।