“अपने खेतों की उपज और फलों के रस में से कुछ मुझे देने में विलम्ब न करना। अपने बेटों में से पहिलौठे को मुझे देना।
यिर्मयाह 2:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस्राएल, यहोवा के लिये पवित्र और उसकी पहली उपज थी। उसे खानेवाले सब दोषी ठहरेंगे और विपत्ति में पड़ेंगे,” यहोवा की यही वाणी है। पवित्र बाइबल इस्राएल के लोग यहोवा को एक पवित्र भेंट थे। वे यहोवा द्वारा उतारे गये प्रथम फल थे। इस्राएल को चोट पहुँचाने का प्रयत्न करने वाले हर एक लोग अपराधी निर्णीत किये गए थे। उन बुरे लोगों पर बुरी आपत्तियाँ आई थीं।” यह सन्देश यहोवा का था। Hindi Holy Bible इस्राएल, यहोवा के लिये पवित्र और उसकी पहली अपज थी। उसे खाने वाले सब दोषी ठहरेंगे और विपत्ति में पड़ेंगे, यहोवा की यही वाणी है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ इस्राएली राष्ट्र, तू मुझ-प्रभु के लिए पवित्र था, फसल का प्रथम फल था। जिस-जिस ने उसको खाया, वह दोषी हो गया, और उस पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा,’ प्रभु की यह वाणी है। सरल हिन्दी बाइबल इस्राएल याहवेह के लिए पवित्र किया हुआ था, याहवेह की पहली उपज; जिस किसी ने इस उपज का उपभोग किया, वे दोषी हो गए; वे संकट से ग्रसित हो गए,’ ” यह याहवेह की वाणी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस्राएल, यहोवा के लिये पवित्र और उसकी पहली उपज थी। उसे खानेवाले सब दोषी ठहरेंगे और विपत्ति में पड़ेंगे,” यहोवा की यही वाणी है। |
“अपने खेतों की उपज और फलों के रस में से कुछ मुझे देने में विलम्ब न करना। अपने बेटों में से पहिलौठे को मुझे देना।
जब तेरी बोई हुई खेती की पहली उपज तैयार हो, तब कटनी का पर्व मानना। वर्ष के अन्त में जब तू परिश्रम के फल बटोर के ढेर लगाए, तब बटोरन का पर्व मानना।
देख, जो तुझ से क्रोधित हैं वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से झगड़ते हैं उनके मुँह काले होंगे और वे नष्ट होकर मिट जाएँगे।
मैं ने अपनी प्रजा से क्रोधित होकर अपने निज भाग को अपवित्र ठहराया और तेरे वश में कर दिया; तू ने उन पर कुछ दया न की; बूढ़ों पर तू ने अपना अत्यन्त भारी जूआ रख दिया।
मेरे दुष्ट पड़ोसी उस भाग पर हाथ लगाते हैं, जिसका भागी मैं ने अपनी प्रजा इस्राएल को बनाया है। उनके विषय यहोवा यों कहता है : “मैं उनको उनकी भू्मि में से उखाड़ डालूँगा, और यहूदा के घराने को भी उनके बीच में से उखाड़ूँगा।
परन्तु जितने तुझे अब खाए लेते हैं, वे आप ही खाए जाएँगे, और तेरे द्रोही आप सब के सब बँधुआई में जाएँगे; और तुझे लूटनेवाले आप लुटेंगे और जितने तेरा धन छीनते हैं, उनका धन मैं छिनवाऊँगा।
जितनों ने उन्हें पाया वे उनको खा गए; और उनके सतानेवालों ने कहा, ‘इसमें हमारा कुछ दोष नहीं, क्योंकि उन्होंने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है जो धर्म का आधार है, और उनके पूर्वजों का आश्रय था।’
अपने बच्चों से इसका वर्णन करो और वे अपने बच्चों से, और फिर उनके बच्चे आनेवाली पीढ़ी के लोगों से।
“हाय उन पर जो सिय्योन में सुख से रहते, और उन पर जो सामरिया के पर्वत पर निश्चिन्त रहते हैं, वे जो श्रेष्ठ जाति में प्रसिद्ध हैं, जिनके पास इस्राएल का घराना आता है!
तब वे वायु के समान चलते और मर्यादा छोड़कर दोषी ठहरते हैं, क्योंकि उनका बल ही उनका देवता है।
जो जातियाँ सुख से रहती हैं, उनसे मैं क्रोधित हूँ; क्योंकि मैं ने तो थोड़ा–सा क्रोध किया था परन्तु उन्होंने विपत्ति को बढ़ा दिया।
क्योंकि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, उस तेज के प्रगट होने के बाद उसने मुझे उन जातियों के पास भेजा है जो तुम्हें लूटती थीं, क्योंकि जो तुम को छूता है, वह मेरी आँख की पुतली ही को छूता है।
फिर उत्तम से उत्तम ताजा तेल, और उत्तम से उत्तम नया दाखमधु, और गेहूँ अर्थात् इनकी पहली उपज जो वे यहोवा को दें, वह मैं तुझ को देता हूँ।
जब भेंट का पहला पेड़ा पवित्र ठहरा, तो पूरा गूँधा हुआ आटा भी पवित्र है; और जब जड़ पवित्र ठहरी, तो डालियाँ भी ऐसी ही हैं।
उस कलीसिया को भी नमस्कार जो उनके घर में है। मेरे प्रिय इपैनितुस को, जो मसीह के लिये आसिया का पहला फल है, नमस्कार।
जैसा उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले उसमें चुन लिया कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।
क्योंकि तू अपने परमेश्वर यहोवा के लिये एक पवित्र समाज है, और यहोवा ने तुझ को पृथ्वी भर के समस्त देशों के लोगों में से अपनी निज सम्पत्ति होने के लिये चुन लिया है।
और कि वह अपनी बनाई हुई सब जातियों से अधिक प्रशंसा, नाम, और शोभा के विषय में तुझ को प्रतिष्ठित करे, और तू उसके वचन के अनुसार अपने परमेश्वर यहोवा की पवित्र प्रजा बना रहे।”
क्योंकि तू अपने परमेश्वर यहोवा की पवित्र प्रजा है; यहोवा ने पृथ्वी भर के सब देशों के लोगों में से तुझ को चुन लिया है कि तू उसकी प्रजा और निज धन ठहरे।
उसने अपनी ही इच्छा से हमें सत्य के वचन के द्वारा उत्पन्न किया, ताकि हम उसकी सृष्टि की हुई वस्तुओं में से एक प्रकार के प्रथम फल हों।
पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज–पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
ये वे हैं जो स्त्रियों के साथ अशुद्ध नहीं हुए, पर कुँवारे हैं; ये वे ही हैं कि जहाँ कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं; ये तो परमेश्वर के निमित्त पहले फल होने के लिये मनुष्यों में से मोल लिए गए हैं।