एक रथ छ: सौ शेकेल चाँदी में और एक घोड़ा डेढ़ सौ शेकेल में मिस्र से आता था, और इसी दाम पर वे हित्तियों और अराम के सब राजाओं के लिये भी व्यापारियों के द्वारा आते थे।
यहोशू 1:4 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जंगल और उस लबानोन से लेकर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। पवित्र बाइबल हित्तियों का पूरा देश, मरुभूमि और लबानोन से लेकर बड़ी नदी तक (परात नदी तक) तुम्हारा होगा और यहाँ से पश्चिम में भूमध्यसागर तक (सूर्य के डूबने के स्थान तक) का प्रदेश तुम्हारी सीमा के भीतर होगा। Hindi Holy Bible जंगल और उस लबानोन से ले कर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह तुम्हारी राज्य-सीमा होगी: दक्षिण में मरुस्थल से उत्तर में लबानोन की पहाड़ियों तक, पूर्व में महानदी फरात और हित्ती जाति के समस्त देश से पश्चिम में भूमध्यसागर तक। सरल हिन्दी बाइबल लबानोन के निर्जन प्रदेश से महानद फरात तक, और हित्तियों के देश से लेकर महासागर तक, सब देश तुम्हारा होगा. और इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जंगल और उस लबानोन से लेकर फरात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। |
एक रथ छ: सौ शेकेल चाँदी में और एक घोड़ा डेढ़ सौ शेकेल में मिस्र से आता था, और इसी दाम पर वे हित्तियों और अराम के सब राजाओं के लिये भी व्यापारियों के द्वारा आते थे।
सुलैमान तो महानद से लेकर पलिश्तियों के देश, और मिस्र की सीमा तक के सब राज्यों के ऊपर प्रभुता करता था और उनके लोग सुलैमान के जीवन भर भेंट लाते, और उसके अधीन रहते थे।
फिर जब सोबा का राजा हदरेजेर परात महानद के पास अपना राज्य स्थिर करने को जा रहा था, तब दाऊद ने उसको हमात के पास जीत लिया।
पूर्व की ओर वह उस जंगल की सीमा तक रहा जो परात महानद तक पहुँचाता है, क्योंकि उनके पशु गिलाद देश में बढ़ गए थे।
यरूशलेम के सामर्थी राजा भी हुए जो महानद के पार से समस्त देश पर राज्य करते थे, और कर, चुंगी, और राहदारी उनको दी जाती थी।
मैं लाल समुद्र से लेकर पलिश्तियों के समुद्र तक और जंगल से लेकर महानद तक के देश को तेरे वश में कर दूँगा; मैं उस देश के निवासियों को भी तेरे वश में कर दूँगा, और तू उन्हें अपने सामने से बरबस निकालेगा।
इसलिये अब यहाँ से कूच करो, और एमोरियों के पहाड़ी देश को, और क्या अराबा में, क्या पहाड़ों में, क्या नीचे के देश में, क्या दक्खिन देश में, क्या समुद्र के किनारे, जितने लोग एमोरियों के पास रहते हैं उनके देश को, अर्थात् लबानोन पर्वत तक और परात नामक महानद तक रहनेवाले कनानियों के देश को भी चले जाओ।
जिस जिस स्थान पर तुम्हारे पाँव के तलवे पड़ें वे सब तुम्हारे ही हो जाएँगे, अर्थात् जंगल से लबानोन तक, और परात नामक महानद से लेकर पश्चिम के समुद्र तक तुम्हारी सीमा होगी।
इसलिये मुझे पार जाने दे कि यरदन पार के उस उत्तम देश को, अर्थात् उस उत्तम पहाड़ और लबानोन को भी देखने पाऊँ।’
मानो कोई छठवें स्वर्गदूत से, जिसके पास तुरही थी, कह रहा है, “उन चार स्वर्गदूतों को जो बड़ी नदी फुरात के पास बन्धे हुए हैं, खोल दे।”