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यहेजकेल 47:1 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

फिर वह मुझे भवन के द्वार पर लौटा ले गया; और भवन की डेवढ़ी के नीचे से एक सोता निकलकर पूर्व की ओर बह रहा था। भवन का द्वार तो पूर्वमुखी था, और सोता भवन की दाहिनी ओर और वेदी की दक्षिणी ओर नीचे से निकलता था।

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पवित्र बाइबल

वह व्यक्ति मन्दिर के द्वार पर मुझे वापस ले गया। मैंने मन्दिर की पूर्वी देहली के नीचे से पानी आते देखा। (मन्दिर का सामना मन्दिर की पूर्वी ओर है।) पानी मन्दिर के दक्षिणी छोर के नीचे से वेदी के दक्षिण में बहता था।

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Hindi Holy Bible

फिर वह मुझे भवन के द्वार पर लौटा ले गया; और भवन की डेवढ़ी के नीचे से एक सोता निकलकर पूर्व ओर बह रहा था। भवन का द्वार तो पूर्वमुखी था, और सोता भवन के पूर्व और वेदी के दक्खिन, नीचे से निकलता था।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

फिर वह मुझे मन्‍दिर के द्वार पर वापस ले गया। वहाँ मैंने यह देखा: मन्‍दिर की ड्‍योढ़ी के नीचे से पानी निकल रहा है, और पूर्व की ओर बह रहा है (क्‍योंकि मन्‍दिर का मुंह पूर्व दिशा में था)। पानी मन्‍दिर की दाहिनी ओर नीचे से और वेदी के दक्षिणी ओर से निकल रहा था।

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सरल हिन्दी बाइबल

तब वह व्यक्ति मुझे मंदिर के प्रवेश द्वार पर वापस ले आया, और मैंने देखा कि मंदिर के चौखट के नीचे से पानी आ रहा है और पूर्व की ओर बह रहा है (क्योंकि मंदिर का मुंह पूर्व की ओर था). मंदिर के दक्षिण भाग के नीचे से, वेदी के दक्षिण से पानी नीचे से बह रहा था.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

फिर वह पुरुष मुझे भवन के द्वार पर लौटा ले गया; और भवन की डेवढ़ी के नीचे से एक सोता निकलकर पूर्व की ओर बह रहा था। भवन का द्वार तो पूर्वमुखी था, और सोता भवन के पूर्व और वेदी के दक्षिण, नीचे से निकलता था। (प्रका. 22:1)

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यहेजकेल 47:1
20 क्रॉस रेफरेंस  

एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्‍वर के नगर में अर्थात् परमप्रधान के पवित्र निवास स्थान में आनन्द होता है।


परमेश्‍वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्‍वर उसकी सहायता करता है।


गवैये और नृतक दोनों कहेंगे, “हमारे सब सोते तुझी में पाए जाते हैं।”


बहुत से देशों के लोग आएँगे, और आपस में कहेंगे : “आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्‍वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।


उस महासंहार के समय जब गुम्मट गिर पड़ेंगे, सब ऊँचे ऊँचे पहाड़ों और पहाड़ियों पर नालियाँ और सोते पाए जाएँगे।


“अहो सब प्यासे लोगो, पानी के पास आओ; और जिनके पास रुपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु और दूध बिन रुपए और बिना दाम ही आकर ले लो।


क्योंकि मेरी प्रजा ने दो बुराइयाँ की हैं : उन्होंने मुझ बहते जल के सोते को त्याग दिया है, और उन्होंने हौद बना लिए, वरन् ऐसे हौद जो टूट गए हैं, और जिन में जल नहीं रह सकता।


तब वह उस फाटक के पास आया जिसका मुँह पूर्व की ओर था, और उसकी सीढ़ी पर चढ़कर फाटक की दोनों डेवढ़ियों की चौड़ाई मापकर एक एक बाँस भर की पाई।


द्वार की चौड़ाई दस हाथ की थी, और द्वार के दोनों ओर की दीवारें पाँच पाँच हाथ की थीं; और उसने मन्दिर की लम्बाई मापकर चालीस हाथ की, और उसकी चौड़ाई बीस हाथ की पाई।


तब उसने मुझ से कहा, “पकाने के घर, जहाँ भवन के टहलुए लोगों के बलिदानों को पकाएँ, वे ये ही हैं।”


नदी के दोनों किनारों पर भाँति भाँति के खाने योग्य फलदायी वृक्ष उपजेंगे, जिनके पत्ते न मुर्झाएँगे और उनका फलना भी कभी बन्द न होगा, क्योंकि नदी का जल पवित्रस्थान से निकला है। उनमें महीने महीने नये नये फल लगेंगे। उनके फल तो खाने के, और पत्ते औषधि के काम आएँगे।”


तब वह मुझे उत्तर के फाटक से होकर बाहर ले गया, और बाहर बाहर से घुमाकर बाहरी अर्थात् पूर्वमुखी फाटक के पास पहुँचा दिया, और दक्षिणी ओर से जल पसीजकर बह रहा था।


उस समय पहाड़ों से नया दाखमधु टपकने लगेगा, और टीलों से दूध बहने लगेगा, और यहूदा देश के सब नाले जल से भर जाएँगे; और यहोवा के भवन में से एक सोता फूट निकलेगा, जिससे शित्तीम की घाटी सींची जाएगी।


“उस समय दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों के लिये पाप और मलिनता धोने के निमित्त एक बहता हुआ सोता फूटेगा।


उस दिन वह जैतून के पर्वत पर पाँव रखेगा, जो पूर्व की ओर यरूशलेम के सामने है; तब जैतून का पर्वत पूर्व से लेकर पश्‍चिम तक बीचोबीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा; तब आधा पर्वत उत्तर की ओर और आधा दक्षिण की ओर हट जाएगा।


उस दिन यरूशलेम से बहता हुआ जल फूट निकलेगा उसकी एक शाखा पूरब के ताल और दूसरी पश्‍चिम के समुद्र की ओर बहेगी, और धूप के दिनों में और जाड़े के दिनों में भी बराबर बहती रहेंगी।


फिर उसने मुझे बिल्‍लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की नदी दिखाई, जो परमेश्‍वर और मेम्ने के सिंहासन से निकलकर


आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।