और भवन के पीछे की ओर भी उसने बीस हाथ की दूरी पर फ़र्श से ले दीवारों के ऊपर तक देवदारु की तख़्ताबंदी की; इस प्रकार उसने परमपवित्र स्थान के लिये भवन की एक भीतरी कोठरी बनाई।
यहेजकेल 45:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस पवित्र भाग में तुम पच्चीस हज़ार बाँस लम्बी और दस हज़ार बाँस चौड़ी भूमि को मापना, और उसी में पवित्रस्थान बनाना, जो परमपवित्र ठहरे। पवित्र बाइबल अति पवित्र स्थान में तुम पच्चीस हजार हाथ लम्बा और दस हाजार चौड़ा नापोगे। मन्दिर इस क्षेत्र में होगा। मन्दिर का क्षेत्र सर्वाधिक पवित्र स्थान होगा। Hindi Holy Bible उस पवित्र भाग में तुम पच्चीस हाजार बांस लम्बी और दस हजार बांस चौड़ी भूमि को मापना, और उसी में पवित्र स्थान बनाना, जो परमपवित्र ठहरे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘पवित्र भूमि-क्षेत्र में से साढ़े बारह किलोमीटर लम्बा और पांच किलोमीटर चौड़ा एक भाग अलग कर देना। इस अलग किए हुए भूमि-भाग पर प्रभु का पवित्र निवास-स्थान बनाना। यह परम पवित्र होगा। सरल हिन्दी बाइबल इस पवित्र भूभाग में लगभग तेरह किलोमीटर लंबा और लगभग पांच किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र नाप लेना. इसमें पवित्र स्थान अर्थात् परम पवित्र स्थान होगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस पवित्र भाग में तुम पच्चीस हजार बाँस लम्बी और दस हजार बाँस चौड़ी भूमि को मापना, और उसी में पवित्रस्थान बनाना, जो परमपवित्र ठहरे। |
और भवन के पीछे की ओर भी उसने बीस हाथ की दूरी पर फ़र्श से ले दीवारों के ऊपर तक देवदारु की तख़्ताबंदी की; इस प्रकार उसने परमपवित्र स्थान के लिये भवन की एक भीतरी कोठरी बनाई।
उसमें से पवित्रस्थान के लिये पाँच सौ बाँस लम्बी और पाँच सौ बाँस चौड़ी चौकोनी भूमि हो, और उसके चारों ओर पचास पचास हाथ चौड़ी भूमि छूटी पड़ी रहे।
जो याजक पवित्रस्थान की सेवा टहल करें और यहोवा की सेवा टहल करने को समीप आएँ, वह उन्हीं के लिये हो; वहाँ उनके घरों के लिये स्थान हो और पवित्रस्थान के लिये पवित्र ठहरे।
यह अर्पण किया हुआ पवित्र भाग याजकों को मिले; वह उत्तर की ओर पच्चीस हज़ार बाँस लम्बा, पश्चिम की ओर दस हज़ार बाँस चौड़ा, पूर्व ओर दस हज़ार बाँस चौड़ा और दक्षिण की ओर पच्चीस हज़ार बाँस लम्बा हो; और उसके बीचोबीच यहोवा का पवित्रस्थान हो।
“यहूदा की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक वह अर्पण किया हुआ भाग हो, जिसे तुम्हें अर्पण करना होगा, वह पच्चीस हज़ार बाँस चौड़ा और पूर्व से पश्चिम तक किसी एक गोत्र के भाग के तुल्य लम्बा हो, और उसके बीच में पवित्रस्थान हो।