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यशायाह 66:8 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

ऐसी बात किस ने कभी सुनी? किसने कभी ऐसी बातें देखीं? क्या देश एक ही दिन में उत्पन्न हो सकता है? क्या एक जाति क्षणमात्र में ही उत्पन्न हो सकती है? क्योंकि सिय्योन को प्रसव–पीड़ा उठी ही थी कि उस से सन्तान उत्पन्न हो गए।

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Hindi Holy Bible

ऐसी बात किस ने कभी सुनी? किस ने कभी ऐसी बातें देखी? क्या देश एक ही दिन में उत्पन्न हो सकता है? क्या एक जाति क्षण मात्र में ही उत्पन्न हो सकती है? क्योंकि सिय्योन की पीड़ाएं उठी ही थीं कि उस से सन्तान उत्पन्न हो गए।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

ऐसा चमत्‍कार क्‍या कभी किसी ने सुना? क्‍या किसी ने अपनी आंखों से ऐसा चमत्‍कार देखा? क्‍या कोई देश एक दिन में उत्‍पन्न हो सकता है? क्‍या कोई राष्‍ट्र एक क्षण में जन्‍म ले सकता है? सियोन को जब प्रसव-पीड़ा हुई थी, उस क्षण ही उसने अपनी संतान को जन्‍म दिया था।’

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सरल हिन्दी बाइबल

क्या कभी किसी ने ऐसा सुना है? किसकी दृष्टि में कभी ऐसा देखा गया है? क्या यह हो सकता है कि एक ही दिन में एक देश उत्पन्‍न हो जाए? क्या यह संभव है कि एक क्षण में ही राष्ट्र बन जायें? जैसे ही ज़ियोन को प्रसव पीड़ा शुरू हुई उसने अपने पुत्रों को जन्म दे दिया.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

ऐसी बात किसने कभी सुनी? किसने कभी ऐसी बातें देखी? क्या देश एक ही दिन में उत्पन्न हो सकता है? क्या एक जाति क्षण मात्र में ही उत्पन्न हो सकती है? क्योंकि सिय्योन की प्रसव-पीड़ा उठी ही थीं कि उससे सन्तान उत्पन्न हो गए।

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यशायाह 66:8
8 क्रॉस रेफरेंस  

क्योंकि प्राचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमेश्‍वर न तो कभी देखा गया और न कान से उसकी चर्चा सुनी गई जो अपनी बाट जोहनेवालों के लिये काम करे।


“इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है : जाति–जाति से पूछ कि ऐसी बातें क्या कभी किसी के सुनने में आई हैं? इस्राएल की कुमारी ने जो काम किया है उसके सुनने से रोम रोम खड़े हो जाते हैं।


अत: जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया; और उसी दिन तीन हज़ार मनुष्यों के लगभग उनमें मिल गए।


उन्होंने यह सुनकर परमेश्‍वर की महिमा की, फिर उससे कहा, “हे भाई, तू देखता है कि यहूदियों में से कई हज़ार ने विश्‍वास किया है; और सब व्यवस्था के लिये धुन लगाए हैं।


परन्तु वचन के सुननेवालों में से बहुतों ने विश्‍वास किया, और उनकी गिनती पाँच हज़ार पुरुषों के लगभग हो गई।


परन्तु जैसा लिखा है, “जो बातें आँख ने नहीं देखीं और कान ने नहीं सुनीं, और जो बातें मनुष्य के चित में नहीं चढ़ीं, वे ही हैं जो परमेश्‍वर ने अपने प्रेम रखनेवालों के लिये तैयार की हैं।”