वे उसको कन्धे पर उठाकर लिए फिरते हैं, वे उसे उसके स्थान में रख देते और वह वहीं खड़ा रहता है; वह अपने स्थान से हट नहीं सकता; यदि कोई उसकी दोहाई भी दे, तौभी न वह सुन सकता है और न विपत्ति से उसका उद्धार कर सकता है।
यशायाह 41:28 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं ने देखने पर भी किसी को न पाया; उन में कोई मन्त्री नहीं जो मेरे पूछने पर कुछ उत्तर दे सके। पवित्र बाइबल मैंने उन झूठे देवों को देखा था, उनमें से कोई भी इतना बुद्धिमान नहीं था जो कुछ कह सके। मैंने उनसे प्रश्न पूछे थे वे एक भी शब्द नहीं बोल पाये थे। Hindi Holy Bible मैं ने देखने पर भी किसी को न पाया; उन में से कोई मन्त्री नहीं जो मेरे पूछने पर कुछ उत्तर दे सके। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने इधर-उधर देखा, पर वहाँ कोई न था, देवताओं के मध्य कोई परामर्शदाता नहीं था, जो मेरी पूछताछ का उत्तर दे सके। सरल हिन्दी बाइबल किंतु जब मैंने ढूंढ़ा वहां कोई नहीं था, उन लोगों में कोई भी जवाब देनेवाला नहीं था, यदि मैं कोई प्रश्न करूं, तो मुझे उसका उत्तर कौन देगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैंने देखने पर भी किसी को न पाया; उनमें कोई मंत्री नहीं जो मेरे पूछने पर कुछ उत्तर दे सके। |
वे उसको कन्धे पर उठाकर लिए फिरते हैं, वे उसे उसके स्थान में रख देते और वह वहीं खड़ा रहता है; वह अपने स्थान से हट नहीं सकता; यदि कोई उसकी दोहाई भी दे, तौभी न वह सुन सकता है और न विपत्ति से उसका उद्धार कर सकता है।
इसका क्या कारण है कि जब मैं आया तब कोई न मिला? जब मैं ने पुकारा, तब कोई न बोला? क्या मेरा हाथ ऐसा छोटा हो गया है कि छुड़ा नहीं सकता? क्या मुझ में उद्धार करने की शक्ति नहीं? देखो, मैं एक धमकी से समुद्र को सुखा देता हूँ, मैं महानदों को रेगिस्तान बना देता हूँ; उनकी मछलियाँ जल बिना मर जातीं और बसाती हैं।
उसने देखा कि कोई भी पुरुष नहीं, और इस से अचम्भा किया कि कोई विनती करने वाला नहीं; तब उसने अपने ही भुजबल से उद्धार किया, और अपने धर्मी होने के कारण वह सम्भल गया।
मैं ने खोजा, पर कोई सहायक न दिखाई पड़ा; मैं ने इस से अचम्भा भी किया कि कोई सम्भालनेवाला नहीं था; तब मैं ने अपने ही भुजबल से उद्धार किया, और मेरी जलजलाहट ही ने मुझे सम्भाला।
मैं तुम्हें गिन गिनकर तलवार का कौर बनाऊँगा, और तुम सब घात होने के लिये झुकोगे; क्योंकि जब मैं ने तुम्हें बुलाया तुमने उत्तर न दिया, जब मैं बोला, तब तुम ने मेरी न सुनी; वरन् जो मुझे बुरा लगता है वही तुम ने नित किया, और जिस से मैं अप्रसन्न होता हूँ, उसी को तुम ने अपनाया।”
तब राजा के सब पण्डित लोग भीतर आए, परन्तु उस लिखे हुए को न पढ़ सके और न राजा को उसका अर्थ समझा सके।