मत्ती 22:12 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उससे पूछा, ‘हे मित्र; तू विवाह का वस्त्र पहिने बिना यहाँ क्यों आ गया?’ उसका मुँह बंद हो गया। पवित्र बाइबल राजा ने उससे कहा, ‘हे मित्र, विवाह के वस्त्र पहने बिना तू यहाँ भीतर कैसे आ गया?’ पर वह व्यक्ति चुप रहा। Hindi Holy Bible उस ने उससे पूछा हे मित्र; तू ब्याह का वस्त्र पहिने बिना यहां क्यों आ गया? उसका मुंह बन्द हो गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने उससे कहा, ‘मित्र, विवाहोत्सव के वस्त्र पहने बिना तुम यहाँ कैसे आ गये?’ वह मनुष्य चुप रहा। नवीन हिंदी बाइबल राजा ने उससे कहा, ‘मित्र, तू विवाह का वस्त्र पहने बिना यहाँ कैसे आया?’ परंतु वह चुप रहा। सरल हिन्दी बाइबल राजा ने उससे प्रश्न किया, ‘मित्र, विवाहोत्सव के लिए सही वस्त्र पहने बिना तुम यहां कैसे आ गए?’ उसके पास इसका कोई उत्तर न था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने उससे पूछा, ‘हे मित्र; तू विवाह का वस्त्र पहने बिना यहाँ क्यों आ गया?’ और वह मनुष्य चुप हो गया। |
तू कैसे कह सकती है, ‘मैं अशुद्ध नहीं, मैं बाल देवताओं के पीछे नहीं चली?’ तराई में की अपनी चाल देख और जान ले कि तू ने क्या किया है? तू वेग से चलनेवाली और इधर उधर फिरनेवाली साँड़नी है,
“जैसे चोर पकड़े जाने पर लज्जित होता है, वैसे ही इस्राएल का घराना राजाओं, हाकिमों, याजकों और भविष्यद्वक्ताओं समेत लज्जित होगा।
उसने उनमें से एक को उत्तर दिया, ‘हे मित्र, मैं तुझ से कुछ अन्याय नहीं करता। क्या तूने ही मुझसे एक दीनार न ठहराया था?
यीशु ने उससे कहा, “हे मित्र, जिस काम के लिये तू आया है, उसे कर ले।” तब उन्होंने पास आकर यीशु पर हाथ डाले और उसे पकड़ लिया।
क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि यदि तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फरीसियों की धार्मिकता से बढ़कर न हो, तो तुम स्वर्ग के राज्य में कभी प्रवेश करने न पाओगे।
हम जानते हैं कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं; इसलिये कि हर एक मुँह बंद किया जाए और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे;
इसलिये जब तक प्रभु न आए, समय से पहले किसी बात का न्याय न करो : वही अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों के अभिप्रायों को प्रगट करेगा, तब परमेश्वर की ओर से हर एक की प्रशंसा होगी।
“वह अपने भक्तों के पाँवों को सम्भाले रहेगा, परन्तु दुष्ट अन्धियारे में चुपचाप पड़े रहेंगे; क्योंकि कोई मनुष्य अपने बल के कारण प्रबल न होगा।