कि कोई परमेश्वर के सामने सज्जन का मुक़द्दमा लड़े, जैसा कोई अपने पड़ोसी के लिये लड़ता है।
भजन संहिता 32:4 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई। (सेला) पवित्र बाइबल हे परमेश्वर, तूने मेरा जीवन दिन रात कठिन से कठिनतर बना दिया। मैं उस धरती सा सूख गया हूँ जो ग्रीष्म ताप से सूख गई है। Hindi Holy Bible क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तेरा हाथ दिन-रात मुझपर भारी था; मानो ग्रीष्म के ताप से मेरा जीवन-रस सूख गया। सेलाह नवीन हिंदी बाइबल मैं दिन और रात तेरे भारी हाथ के नीचे दबा रहा। मेरा बल मानो ग्रीष्मकाल के ताप से क्षीण हो गया। सेला। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि दिन-रात आपका हाथ मुझ पर भारी था; मेरा बल मानो ग्रीष्मकाल की ताप से सूख गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि रात-दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूपकाल की सी झुर्राहट बनती गई। (सेला) |
कि कोई परमेश्वर के सामने सज्जन का मुक़द्दमा लड़े, जैसा कोई अपने पड़ोसी के लिये लड़ता है।
मेरा बल टूट गया, मैं ठीकरा हो गया; और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई; और तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है।
परन्तु अब उनका रूप अन्धकार से भी अधिक काला है, वे सड़कों में पहचाने नहीं जाते; उनका चमड़ा हड्डियों में सट गया, और लकड़ी के समान सूख गया है।
तौभी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियो, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दु:ख तुम्हारे दु:ख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है।”
तब उन्होंने पलिश्तियों के सब सरदारों को इकट्ठा किया, और उनसे कहा, “इस्राएल के देवता के सन्दूक को निकाल दो, कि वह अपने स्थान पर लौट जाए, और हम को और हमारे लोगों को मार डालने न पाए।” उस समस्त नगर में तो मृत्यु के भय की हलचल मच रही थी, और परमेश्वर का हाथ वहाँ बहुत भारी पड़ा था।
जब वे उसको घुमाकर वहाँ पहुँचे, तो यूँ हुआ कि यहोवा का हाथ उस नगर के विरुद्ध ऐसा उठा कि उस में अत्यन्त बड़ी हलचल मच गई; और उसने छोटे से बड़े तक उस नगर के सब लोगों को मारा, और उनके गिलटियाँ निकलने लगीं।
और देखते रहना; यदि वह अपने देश के मार्ग से होकर बेतशेमेश को चले, तो जानो कि हमारी यह बड़ी हानि उसी की ओर से हुई : और यदि नहीं, तो हम को निश्चय होगा कि यह मार हम पर उसकी ओर से नहीं, परन्तु संयोग ही से हुई।”