भजन संहिता 31:20 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू उन्हें दर्शन देने के गुप्तस्थान में मनुष्यों की बुरी गोष्ठी से गुप्त रखेगा; तू उनको अपने मण्डप में झगड़े–रगड़े से छिपा रखेगा। पवित्र बाइबल दुर्जन सज्जनों को हानि पहुँचाने के लिए जुट जाते हैं। वे दुर्जन लड़ाई भड़काने का जतन करते हैं। किन्तु तू सज्जनों को उनसे छिपा लेता है, और उन्हें बचा लेता है। तू सज्जनों की रक्षा अपनी शरण में करता है। Hindi Holy Bible तू उन्हें दर्शन देने के गुप्त स्थान में मनुष्यों की बुरी गोष्ठी से गुप्त रखेगा; तू उन को अपने मण्डप में झगड़े-रगड़े से छिपा रखेगा॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू उन्हें अपनी उपस्थिति की छाया में मनुष्यों के षड्यन्त्र से छिपा लेता है; तू अपने आश्रय में उन्हें कलह-प्रिय जीभ से सुरक्षित रखता है। नवीन हिंदी बाइबल तू उन्हें मनुष्य के षड्यंत्रों से बचाकर अपनी उपस्थिति की सुरक्षा में छिपाता है; तू उन्हें अपने शरणस्थान में रखकर झगड़ालू जीभ से बचाता है। सरल हिन्दी बाइबल अपनी उपस्थिति के आश्रय-स्थल में आप उन्हें मनुष्यों के षड़्यंत्रों से सुरक्षा प्रदान करते हैं; अपने आवास में आप उन्हें शत्रुओं के झगड़ालू जीभ से सुरक्षा प्रदान करते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू उन्हें दर्शन देने के गुप्त स्थान में मनुष्यों की बुरी गोष्ठी से गुप्त रखेगा; तू उनको अपने मण्डप में झगड़े-रगड़े से छिपा रखेगा। |
दुष्टों के अहंकार के कारण दीन मनुष्य खदेड़े जाते हैं; वे अपनी ही निकाली हुई युक्तियों में फँस जाएँ।
घमण्डियों ने मेरे लिये फन्दा और पासे लगाए, और पथ के किनारे जाल बिछाया है; उन्होंने मेरे लिये फन्दे लगा रखे हैं। (सेला)
पुत्र को चूमो, ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नष्ट हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य हैं वे जिनका भरोसा उस पर है।
क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्तस्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा। (सेला)
तेरा धर्म ऊँचे पर्वतों के समान है, तेरे नियम अथाह सागर ठहरे हैं; हे यहोवा, तू मनुष्य और पशु दोनों की रक्षा करता है।
वे तेरे भवन के चिकने भोजन से तृप्त होंगे, और तू अपनी सुख की नदी में से उन्हें पिलाएगा।
क्या ही धन्य है वह पुरुष, जो यहोवा पर भरोसा करता है, और अभिमानियों और मिथ्या की ओर मुड़नेवालों की ओर मुँह न फेरता हो।
हे परमेश्वर, अभिमानी लोग तो मेरे विरुद्ध उठे हैं, और उपद्रवियों का झुण्ड मेरे प्राण का खोजी हुआ है, और वे तेरा कुछ विचार नहीं रखते।
अब मैं ने जान लिया है कि यहोवा सब देवताओं से बड़ा है; वरन् उस विषय में भी जिससे उन्होंने इस्राएलियों के साथ अहंकारपूर्ण व्यवहार किया था।”
जैसा दिन को शोभा देता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें, न कि लीला–क्रीड़ा और पियक्कड़पन में, न व्यभिचार और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में।
क्योंकि मुझे डर है, कहीं ऐसा न हो कि मैं आकर जैसा चाहता हूँ, वैसा तुम्हें न पाऊँ; और मुझे भी जैसा तुम नहीं चाहते वैसा ही पाओ; और तुम में झगड़ा, डाह, क्रोध, विरोध, ईर्ष्या, चुगली, अभिमान और बखेड़े हों;
तो वह अभिमानी हो गया, और कुछ नहीं जानता; वरन् उसे विवाद और शब्दों पर तर्क करने का रोग है, जिससे डाह, और झगड़े, और निन्दा की बातें, और बुरे–बुरे सन्देह,
वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है।”