“शाऊल और योनातान जीवनकाल में तो प्रिय और मनभाऊ थे, और अपनी मृत्यु के समय अलग न हुए; वे उकाब से भी वेग से चलनेवाले, और सिंह से भी अधिक पराक्रमी थे।
भजन संहिता 147:10 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) न तो वह घोड़े के बल को चाहता है, और न पुरुष के पैरों से प्रसन्न होता है; पवित्र बाइबल उनको युद्ध के घोड़े और शक्तिशाली सैनिक नहीं भाते हैं। Hindi Holy Bible न तो वह घोड़े के बल को चाहता है, और न पुरूष के पैरों से प्रसन्न होता है; पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह अश्वसेना की शक्ति से प्रसन्न नहीं होता है, और न धावक-योद्धा के पैरों से हर्षित होता है। नवीन हिंदी बाइबल वह घोड़े के बल से प्रसन्न नहीं होता, और न ही मनुष्य के पैरों से आनंदित होता है। सरल हिन्दी बाइबल घोड़े के बल में उन्हें कोई रुचि नहीं है, और न ही किसी मनुष्य के शक्तिशाली पैरों में. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 न तो वह घोड़े के बल को चाहता है, और न पुरुष के बलवन्त पैरों से प्रसन्न होता है; |
“शाऊल और योनातान जीवनकाल में तो प्रिय और मनभाऊ थे, और अपनी मृत्यु के समय अलग न हुए; वे उकाब से भी वेग से चलनेवाले, और सिंह से भी अधिक पराक्रमी थे।
क्या तू उसके बड़े बल के कारण उस पर भरोसा करेगा? या जो परिश्रम का काम तेरा हो, क्या तू उसे उस पर छोड़ेगा?
किसी को रथों का, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे।
फिर मैं ने धरती पर देखा कि न तो दौड़ में वेग दौड़नेवाले और न युद्ध में शूरवीर जीतते; न बुद्धिमान लोग रोटी पाते न समझवाले धन, और न प्रवीणों पर अनुग्रह होता है; वे सब समय और संयोग के वश में हैं।
हाय उन पर जो सहायता पाने के लिये मिस्र को जाते हैं और घोड़ों का आसरा करते हैं; जो रथों पर भरोसा रखते क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर क्योंकि वे अति बलवान हैं, पर इस्राएल के पवित्र की ओर दृष्टि नहीं करते और न यहोवा की खोज करते हैं!
परन्तु यहूदा के घराने पर मैं दया करूँगा, और उनका उद्धार करूँगा; उनका उद्धार मैं धनुष या तलवार या युद्ध या घोड़ों या सवारों के द्वारा नहीं, परन्तु उनके परमेश्वर यहोवा के द्वारा करूँगा।”
परन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, “न तो उसके रूप पर दृष्टिकर, और न उसके कद की ऊँचाई पर, क्योंकि मैं ने उसे अयोग्य जाना है; क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है।”