और मैं तुझ को, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को भी, यह सारा कनान देश जिसमें तू परदेशी होकर रहता है, इस रीति दूँगा कि वह युग–युग उनकी निज भूमि रहेगी, और मैं उनका परमेश्वर रहूँगा।”
भजन संहिता 105:12 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस समय तो वे गिनती में थोड़े थे, वरन् बहुत ही थोड़े, और उस देश में परदेशी थे। पवित्र बाइबल परमेश्वर ने वह वचन दिया था, जब इब्राहीम का परिवार छोटा था और वे बस यात्री थे जब कनान में रह रहे थे। Hindi Holy Bible उस समय तो वे गिनती में थोड़े थे, वरन बहुत ही थोड़े, और उस देश में परदेशी थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब वे संख्या में नगण्य थे, बहुत कम थे, जब वे वहां प्रवासी थे, नवीन हिंदी बाइबल उस समय तो वे गिनती में कम थे, बल्कि बहुत ही कम, और उस देश में परदेशी थे। सरल हिन्दी बाइबल जब परमेश्वर की प्रजा की संख्या अल्प ही थी, जब उनकी संख्या बहुत ही कम थी, और वे उस देश में परदेशी थे, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस समय तो वे गिनती में थोड़े थे, वरन् बहुत ही थोड़े, और उस देश में परदेशी थे। |
और मैं तुझ को, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को भी, यह सारा कनान देश जिसमें तू परदेशी होकर रहता है, इस रीति दूँगा कि वह युग–युग उनकी निज भूमि रहेगी, और मैं उनका परमेश्वर रहूँगा।”
“मैं तुम्हारे बीच अतिथि और परदेशी हूँ; मुझे अपने मध्य में कब्रिस्तान के लिये ऐसी भूमि दो जो मेरी निज की हो जाए, कि मैं अपने मृतक को गाड़कर अपनी आँख की ओट करूँ।”
तब याक़ूब ने शिमोन और लेवी से कहा, “तुम ने जो इस देश के निवासी कनानियों और परिज्जियों के मन में मेरे प्रति घृणा उत्पन्न कराई है, इस से तुम ने मुझे संकट में डाला है, क्योंकि मेरे साथ तो थोड़े ही लोग हैं; इसलिये अब वे इकट्ठे होकर मुझ पर चढ़ेंगे, और मुझे मार डालेंगे, तो मैं अपने घराने समेत नष्ट हो जाऊँगा।”
और मैं ने उनके साथ अपनी वाचा दृढ़ की है, अर्थात् कनान देश जिसमें वे परदेशी होकर रहते थे, उसे उन्हें दे दूँ।
अपने मूलपुरुष अब्राहम और अपनी माता सारा पर ध्यान करो; जब वह अकेला था, तब ही से मैं ने उसको बुलाया और आशीष दी और बढ़ा दिया।
और उसको कुछ मीरास वरन् पैर रखने भर की भी उसमें जगह न दी, परन्तु प्रतिज्ञा की कि मैं यह देश तेरे और तेरे बाद तेरे वंश के हाथ कर दूँगा; यद्यपि उस समय उसके कोई पुत्र भी न था।
तब तू अपने परमेश्वर यहोवा से इस प्रकार कहना, ‘मेरा मूलपुरुष एक अरामी मनुष्य था जो मरने पर था; और वह अपने छोटे से परिवार समेत मिस्र को गया, और वहाँ परदेशी होकर रहा; और वहाँ उससे एक बड़ी, और सामर्थी, और बहुत मनुष्यों से भरी हुई जाति उत्पन्न हुई।
यहोवा ने जो तुम से स्नेह करके तुम को चुन लिया, इसका कारण यह नहीं था कि तुम गिनती में और सब देशों के लोगों से अधिक थे, किन्तु तुम तो सब देशों के लोगों से गिनती में थोड़े थे;
इस कारण एक ही जन से, जो मरा हुआ सा था, आकाश के तारों और समुद्र के तीर के बालू के समान अनगिनित वंश उत्पन्न हुए।
विश्वास ही से उसने प्रतिज्ञा किए हुए देश में, पराए देश में परदेशी के समान, रहकर इसहाक और याकूब समेत, जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बुओं में वास किया।