तौभी धर्मी लोग अपना मार्ग पकड़े रहेंगे, और शुद्ध काम करनेवाले सामर्थ्य पर सामर्थ्य पाते जाएँगे।
फिलिप्पियों 1:9 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं यह प्रार्थना करता हूँ कि तुम्हारा प्रेम ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए, पवित्र बाइबल मैं यही प्रार्थना करता रहता हूँ: तुम्हारा प्रेम गहन दृष्टि और ज्ञान के साथ निरन्तर बढ़े। Hindi Holy Bible और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर से मेरी प्रार्थना यह है कि आपका प्रेम, ज्ञान में तथा हर प्रकार की अन्तर्दृष्टि में, उत्तरोत्तर बढ़ता जाये, नवीन हिंदी बाइबल मैं यह प्रार्थना करता हूँ कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और हर प्रकार की समझ में अधिक से अधिक बढ़ता जाए सरल हिन्दी बाइबल मेरी प्रार्थना यह है कि तुम्हारा प्रेम वास्तविक ज्ञान और विवेक में और भी अधिक समृद्ध होता जाए, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मैं यह प्रार्थना करता हूँ, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए, |
तौभी धर्मी लोग अपना मार्ग पकड़े रहेंगे, और शुद्ध काम करनेवाले सामर्थ्य पर सामर्थ्य पाते जाएँगे।
परन्तु धर्मियों की चाल उस चमकती हुई ज्योति के समान है, जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिक अधिक बढ़ता रहता है।
इसलिये जैसे तुम हर बात में अर्थात् विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्न में, और उस प्रेम में जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ।
इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना और विनती करना नहीं छोड़ते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ,
और नए मनुष्यत्व को पहिन लिया है, जो अपने सृजनहार के स्वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है।
और प्रभु ऐसा करे कि जैसा हम तुम से प्रेम रखते हैं, वैसा ही तुम्हारा प्रेम भी आपस में और सब मनुष्यों के साथ बढ़े, और उन्नति करता जाए,
इसलिये हे भाइयो, हम तुम से विनती करते हैं और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।
हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है, इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही बढ़ता जाता है।
मैं प्रार्थना करता हूँ कि विश्वास में तेरा सहभागी होना, तुम्हारी सारी भलाई की पहिचान में, मसीह के लिये प्रभावशाली हो।
पर अन्न सयानों के लिये है, जिनकी ज्ञानेन्द्रियाँ अभ्यास करते–करते भले–बुरे में भेद करने में निपुण हो गई हैं।
अत: जब कि तुम ने भाईचारे की निष्कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन–मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।
पर हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन।