हे दुष्ट, तू धर्मी के निवास को नष्ट करने के लिये घात में न बैठ; और उसके विश्रामस्थान को मत उजाड़;
प्रेरितों के काम 25:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और उससे विनती करके उसके विरोध में यह वर चाहा कि वह उसे यरूशलेम में बुलवाए, क्योंकि वे उसे रास्ते ही में मार डालने की घात में लगे हुए थे। पवित्र बाइबल कि वह पौलुस को यरूशलेम भिजवा कर उन का पक्ष ले। (वे रास्ते में ही उसे मार डालने का षड्यन्त्र बनाये हुए थे।) Hindi Holy Bible और उसे से बिनती करके उसके विरोध में यह वर चाहा, कि वह उसे यरूशलेम में बुलवाए, क्योंकि वे उसे रास्ते ही में मार डालने की घात लगाए हुए थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने फ़ेस्तुस से यह अनुरोध किया कि वह पौलुस को यरूशलेम बुलाने की कृपा करे, क्योंकि वे मार्ग में ही पौलुस को मार डालने का षड्यन्त्र रच रहे थे। नवीन हिंदी बाइबल और पौलुस के विरुद्ध उससे विनती करने लगे कि वह पौलुस को यरूशलेम में बुलवाने की कृपा करे; क्योंकि वे उसे मार्ग में मार डालने की ताक में थे। सरल हिन्दी बाइबल कि वह विशेष कृपादृष्टि कर पौलॉस को येरूशलेम भेज दें. वास्तव में उनकी योजना मार्ग में घात लगाकर पौलॉस की हत्या करने की थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उससे विनती करके उसके विरोध में यह चाहा कि वह उसे यरूशलेम में बुलवाए, क्योंकि वे उसे रास्ते ही में मार डालने की घात लगाए हुए थे। |
हे दुष्ट, तू धर्मी के निवास को नष्ट करने के लिये घात में न बैठ; और उसके विश्रामस्थान को मत उजाड़;
तब वे कहने लगे, “चलो, यिर्मयाह के विरुद्ध युक्ति करें, क्योंकि न याजक से व्यवस्था, न ज्ञानी से सम्मति, न भविष्यद्वक्ता से वचन दूर होंगे। आओ, हम उसकी कोई बात पकड़कर उसका नाश कराएँ और फिर उसकी किसी बात पर ध्यान न दें।”
इसलिये उन हाकिमों ने राजा से कहा, “उस पुरुष को मरवा डाल, क्योंकि वह जो इस नगर में बचे हुए योद्धाओं और अन्य सब लोगों से ऐसे ऐसे वचन कहता है जिससे उनके हाथ–पाँव ढीले पड़ जाते हैं। क्योंकि वह पुरुष इस प्रजा के लोगों की भलाई नहीं वरन् बुराई ही चाहता है।”
और उससे दमिश्क के आराधनालयों के नाम पर इस अभिप्राय की चिट्ठियाँ माँगी कि क्या पुरुष क्या स्त्री, जिन्हें वह इस पंथ पर पाए उन्हें बाँधकर यरूशलेम ले आए।
परन्तु उनका षड्यन्त्र शाऊल को मालूम हो गया। वे तो उसे मार डालने के लिये रात दिन फाटकों पर घात में लगे रहते थे।
“हम क्यों बुराई न करें कि भलाई निकले?” जैसा हम पर यही दोष लगाया भी जाता है, और कुछ कहते हैं कि इनका यही कहना है। परन्तु ऐसों का दोषी ठहराना ठीक है।
मैं बार बार यात्राओं में; नदियों के जोखिमों में; डाकुओं के जोखिमों में; अपने जातिवालों से जोखिमों में; अन्यजातियों से जोखिमों में; नगरों के जोखिमों में; जंगल के जोखिमों में; समुद्र के जोखिमों में; झूठे भाइयों के बीच जोखिमों में रहा।