तब कनाना के पुत्र सिदकिय्याह ने मीकायाह के निकट जा, उसके गाल पर थप्पड़ मारकर पूछा, “यहोवा का आत्मा मुझे छोड़कर तुझ से बातें करने को किधर गया?”
प्रेरितों के काम 23:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब पौलुस ने उससे कहा, “हे चूना फिरी हुई भीत, परमेश्वर तुझे मारेगा। तू व्यवस्था के अनुसार मेरा न्याय करने को बैठा है, और फिर क्या व्यवस्था के विरुद्ध मुझे मारने की आज्ञा देता है?” पवित्र बाइबल तब पौलुस ने उससे कहा, “अरे सफेदी पुती दीवार! तुझ पर परमेश्वर की मार पड़ेगी। तू यहाँ व्यवस्था के विधान के अनुसार मेरा कैसा न्याय करने बैठा है कि तू व्यवस्था के विरोध में मेरे थप्पड़ मारने की आज्ञा दे रहा है।” Hindi Holy Bible तब पौलुस ने उस से कहा; हे चूना फिरी हुई भीत, परमेश्वर तुझे मारेगा: तू व्यवस्था के अनुसार मेरा न्याय करने को बैठा है, और फिर क्या व्यवस्था के विरूद्ध मुझे मारने की आज्ञा देता है? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पौलुस ने उससे कहा, “परमेश्वर तुम को मारेगा! तुम पुती हुई दीवार हो! तुम व्यवस्था के अनुसार मेरा न्याय करने बैठे हो और तुम व्यवस्था का उल्लंघन कर मुझे मारने का आदेश देते हो।” नवीन हिंदी बाइबल तब पौलुस ने उससे कहा, “हे चूना पुती हुई दीवार, परमेश्वर तुझे मारेगा! तू व्यवस्था के अनुसार मेरा न्याय करने के लिए बैठा है, फिर क्या व्यवस्था के विरुद्ध मुझे मारने की आज्ञा देता है?” सरल हिन्दी बाइबल स्वयं पौलॉस ही बोल उठे, “अरे ओ सफेदी पुती दीवार, तुम पर ही परमेश्वर का वार होने पर है! तुम तो यहां व्यवस्था की विधियों के अनुसार न्याय करने बैठे हो, फिर भी मुझ पर वार करने की आज्ञा देकर स्वयं व्यवस्था भंग कर रहे हो?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब पौलुस ने उससे कहा, “हे चूना फिरी हुई दीवार, परमेश्वर तुझे मारेगा। तू व्यवस्था के अनुसार मेरा न्याय करने को बैठा है, और फिर क्या व्यवस्था के विरुद्ध मुझे मारने की आज्ञा देता है?” (लैव्य. 19:15, यहे. 13:10-15) |
तब कनाना के पुत्र सिदकिय्याह ने मीकायाह के निकट जा, उसके गाल पर थप्पड़ मारकर पूछा, “यहोवा का आत्मा मुझे छोड़कर तुझ से बातें करने को किधर गया?”
क्या तेरे और दुष्टों के सिंहासन के बीच सन्धि होगी, जो कानून की आड़ में उत्पात मचाते हैं?
फिर मैं ने संसार में* क्या देखा कि न्याय के स्थान में दुष्टता होती है, और धर्म के स्थान में भी दुष्टता होती है।
“न्याय में कुटिलता न करना; और न तो कंगाल का पक्ष करना और न बड़े मनुष्यों का मुँह देखा विचार करना; एक दूसरे का न्याय धर्म से करना।
“क्या हमारी व्यवस्था किसी व्यक्ति को, जब तक पहले उसकी सुनकर जान न ले कि वह क्या करता है, दोषी ठहराती है?”