तब हाकिमों और सब लोगों ने याजकों और नबियों से कहा, “यह मनुष्य प्राणदण्ड के योग्य नहीं है क्योंकि उस ने हमारे परमेश्वर यहोवा के नाम से हम से कहा है।”
प्रेरितों के काम 23:29 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने जान लिया कि वे अपनी व्यवस्था के विवादों के विषय में उस पर दोष लगाते हैं, परन्तु मार डाले जाने या बाँधे जाने के योग्य उसमें कोई दोष नहीं। पवित्र बाइबल मुझे पता चला कि उनकी व्यवस्था से संबंधित प्रश्नों के कारण उस पर दोष लगाया गया था। किन्तु उस परकोई ऐसा अभियोग नहीं था जो उसे मृत्यु दण्ड के योग्य या बंदी बनाये जाने योग्य सिद्ध हो। Hindi Holy Bible तब मैं ने जान लिया, कि वे अपनी व्यवस्था के विवादों के विषय में उस पर दोष लगाते हैं, परन्तु मार डाले जाने या बान्धे जाने के योग्य उस में कोई दोष नहीं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वहां मुझे पता चला कि वे अपनी व्यवस्था के कतिपय प्रश्नों के विषय में इस पर अभियोग लगा रहे हैं। पर यह कोई ऐसा आरोप नहीं है, जो मृत्यु या कैद के योग्य हो। नवीन हिंदी बाइबल तब मुझे पता चला कि वे अपनी व्यवस्था के विवादों के विषय में उस पर आरोप लगा रहे हैं, परंतु उसमें मृत्युदंड या बंदी बनाए जाने योग्य कोई दोष नहीं। सरल हिन्दी बाइबल वहां मुझे यह मालूम हुआ कि इस पर लगाए गए आरोप मात्र उनकी ही व्यवस्था की विधियों से संबंधित हैं, न कि ऐसे, जिनके लिए हमारे नियमों के अनुसार मृत्यु दंड या कारावास दिया जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने जान लिया, कि वे अपनी व्यवस्था के विवादों के विषय में उस पर दोष लगाते हैं, परन्तु मार डाले जाने या बाँधे जाने के योग्य उसमें कोई दोष नहीं। |
तब हाकिमों और सब लोगों ने याजकों और नबियों से कहा, “यह मनुष्य प्राणदण्ड के योग्य नहीं है क्योंकि उस ने हमारे परमेश्वर यहोवा के नाम से हम से कहा है।”
परन्तु यदि यह वाद–विवाद शब्दों, और नामों, और तुम्हारे यहाँ की व्यवस्था के विषय में है, तो तुम ही जानो; क्योंकि मैं इन बातों का न्यायी नहीं बनना चाहता।”
यदि मैं अपराधी हूँ और मार डाले जाने योग्य कोई काम किया है, तो मरने से नहीं मुकरता; परन्तु जिन बातों का ये मुझ पर दोष लगाते हैं, यदि उनमें से कोई भी बात सच न ठहरे, तो कोई मुझे उनके हाथ नहीं सौंप सकता। मैं कैसर की दोहाई देता हूँ।”
परन्तु मैं ने जान लिया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया कि मार डाला जाए; और जबकि उसने आप ही महाराजाधिराज की दोहाई दी, तो मैं ने उसे भेजने का निर्णय किया।
और अलग जाकर आपस में कहने लगे, “यह मनुष्य ऐसा तो कुछ नहीं करता, जो मृत्युदण्ड या बन्दीगृह में डाले जाने के योग्य हो।”
“फिर यदि किसी से प्राणदण्ड के योग्य कोई पाप हुआ हो जिससे वह मार डाला जाए, और तू उसके शव को वृक्ष पर लटका दे,