तब वे तीनों जन पलिश्तियों की छावनी पर टूट पड़े और बैतलहम के फाटक के कुएँ से पानी भरकर दाऊद के पास ले आए; परन्तु दाऊद ने पीने से इन्कार किया और यहोवा के सामने अर्घ करके उण्डेला;
प्रेरितों के काम 20:24 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु मैं अपने प्राण को कुछ नहीं समझता कि उसे प्रिय जानूँ, वरन् यह कि मैं अपनी दौड़ को और उस सेवा को पूरी करूँ, जो मैं ने परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार पर गवाही देने के लिये प्रभु यीशु से पाई है। पवित्र बाइबल किन्तु मेरे लिये मेरे प्राणों का कोई मूल्य नहीं है। मैं तो बस उस दौड़ धूप और उस सेवा को पूरा करना चाहता हूँ जिसे मैंने प्रभु यीशु से ग्रहण किया है वह है—परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार की साक्षी देना। Hindi Holy Bible परन्तु मैं अपने प्राण को कुछ नहीं समझता: कि उसे प्रिय जानूं, वरन यह कि मैं अपनी दौड़ को, और उस सेवाकाई को पूरी करूं, जो मैं ने परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार पर गवाही देने के लिये प्रभु यीशु से पाई है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु मेरी दृष्टि में मेरे जीवन का कोई मूल्य नहीं। मैं तो केवल अपनी दौड़ समाप्त करना और वह सेवाकार्य पूरा करना चाहता हूँ, जिसे प्रभु येशु ने मुझे सौंपा है − अर्थात् मैं परमेश्वर के अनुग्रह के शुभ समाचार की साक्षी देता रहूँ। नवीन हिंदी बाइबल परंतु मैं अपने प्राण को अपने लिए मूल्यवान नहीं समझता, बल्कि यह कि मैं अपनी दौड़ को और उस सेवा को पूरा करूँ जो मुझे प्रभु यीशु से मिली है, अर्थात् मैं परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार की दृढ़तापूर्वक साक्षी दूँ। सरल हिन्दी बाइबल अपने जीवन से मुझे कोई मोह नहीं है सिवाय इसके कि मैं अपनी इस दौड़ को पूरा करूं तथा उस सेवाकार्य को, जो प्रभु येशु मसीह द्वारा मुझे सौंपा गया है—पूरी सच्चाई में परमेश्वर के अनुग्रह के ईश्वरीय सुसमाचार के प्रचार की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु मैं अपने प्राण को कुछ नहीं समझता कि उसे प्रिय जानूँ, वरन् यह कि मैं अपनी दौड़ को, और उस सेवा को पूरी करूँ, जो मैंने परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार पर गवाही देने के लिये प्रभु यीशु से पाई है। |
तब वे तीनों जन पलिश्तियों की छावनी पर टूट पड़े और बैतलहम के फाटक के कुएँ से पानी भरकर दाऊद के पास ले आए; परन्तु दाऊद ने पीने से इन्कार किया और यहोवा के सामने अर्घ करके उण्डेला;
क्योंकि मेरे पाँच भाई हैं; वह उनके सामने इन बातों की गवाही दे, ऐसा न हो कि वे भी इस पीड़ा की जगह में आएँ।’
वह वहाँ पहुँचकर और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्दित हुआ, और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो।
जब यूहन्ना अपनी सेवा पूरी करने पर था, तो उसने कहा, ‘तुम मुझे क्या समझते हो? मैं वह नहीं! वरन् देखो, मेरे बाद एक आनेवाला है, जिसके पाँवों की जूती भी मैं खोलने के योग्य नहीं।’
वे बहुत दिन तक वहाँ रहे, और प्रभु के भरोसे पर हियाव से बातें करते थे; और वह उनके हाथों से चिह्न और अद्भुत काम करवाकर अपने अनुग्रह के वचन पर गवाही देता था।
तब पतरस ने बहुत वाद–विवाद हो जाने के बाद खड़े होकर उनसे कहा, “हे भाइयो, तुम जानते हो कि बहुत दिन हुए परमेश्वर ने तुम में से मुझे चुन लिया कि मेरे मुँह से अन्यजातीय सुसमाचार का वचन सुनकर विश्वास करें।
जब सीलास और तीमुथियुस मकिदुनिया से आए, तो पौलुस वचन सुनाने की धुन में यहूदियों को गवाही देने लगा कि यीशु ही मसीह है।
वरन् यहूदियों और यूनानियों के सामने गवाही देता रहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराना और हमारे प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करना चाहिए।
केवल यह कि पवित्र आत्मा हर नगर में गवाही दे देकर मुझ से कहता है कि बन्धन और क्लेश तेरे लिये तैयार हैं।
और अब मैं तुम्हें परमेश्वर को, और उसके अनुग्रह के वचन को सौंप देता हूँ; जो तुम्हारी उन्नति कर सकता है और सब पवित्र किए गए लोगों में साझी करके मीरास दे सकता है।
परन्तु पौलुस ने उत्तर दिया, “तुम क्या करते हो कि रो–रोकर मेरा दिल तोड़ते हो? मैं तो प्रभु यीशु के नाम के लिये यरूशलेम में न केवल बाँधे जाने ही के लिये वरन् मरने के लिये भी तैयार हूँ।”
परन्तु प्रभु ने उससे कहा, “तू चला जा; क्योंकि वह तो अन्यजातियों और राजाओं और इस्राएलियों के सामने मेरा नाम प्रगट करने के लिये मेरा चुना हुआ पात्र है।
इसलिये हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।
इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं में, और निन्दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में प्रसन्न हूँ; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूँ, तभी बलवन्त होता हूँ।
इसलिये हम ढाढ़स बाँधे रहते हैं, और देह से अलग होकर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
मैं तुम से बहुत हियाव के साथ बोल रहा हूँ, मुझे तुम पर बड़ा घमण्ड है; मैं शान्ति से भर गया हूँ। अपने सारे क्लेश में मैं आनन्द से अति भरपूर रहता हूँ।
पौलुस की–जो न मनुष्यों की ओर से और न मनुष्य के द्वारा, वरन् यीशु मसीह और परमेश्वर पिता के द्वारा, जिसने उसको मरे हुओं में से जिलाया, प्रेरित है–
इसलिये मैं विनती करता हूँ कि जो क्लेश तुम्हारे लिये मुझे हो रहे हैं, उनके कारण साहस न छोड़ो, क्योंकि उन में तुम्हारी महिमा है।
यदि मुझे तुम्हारे विश्वास रूपी बलिदान और सेवा के साथ अपना लहू भी बहाना पड़े, तौभी मैं आनन्दित हूँ और तुम सब के साथ आनन्द करता हूँ।
क्योंकि वह मसीह के काम के लिये अपने प्राणों पर जोखिम उठाकर मृत्यु के निकट आ गया था ताकि जो घटी तुम्हारी ओर से मेरी सेवा में हुई उसे पूरा करे।
अब मैं उन दु:खों के कारण आनन्द करता हूँ, जो तुम्हारे लिये उठाता हूँ और मसीह के क्लेशों की घटी उसकी देह के लिये, अर्थात् कलीसिया के लिये, अपने शरीर में पूरी करता हूँ;
वरन् तुम आप ही जानते हो कि पहले फिलिप्पी में दु:ख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा साहस दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएँ।
कि कोई इन क्लेशों के कारण डगमगा न जाए। क्योंकि तुम आप जानते हो कि हम इन ही के लिये ठहराए गए हैं।
इस कारण मैं इन दु:खों को भी उठाता हूँ, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस पर मैं ने विश्वास किया है, जानता हूँ; और मुझे निश्चय है कि वह मेरी धरोहर की उस दिन तक रखवाली कर सकता है।
और ऐसे दु:खों में भी जो अन्ताकिया और इकुनियुम और लुस्त्रा में मुझ पर पड़े थे, और अन्य दु:खों में भी जो मैं ने उठाए हैं; परन्तु प्रभु ने मुझे उन सबसे छुड़ा लिया।
परन्तु प्रभु मेरा सहायक रहा और मुझे सामर्थ्य दी, ताकि मेरे द्वारा पूरा पूरा प्रचार हो और सब अन्यजातीय सुन लें। मैं सिंह के मुँह से छुड़ाया गया।
पर ठीक समय पर अपने वचन को उस प्रचार के द्वारा प्रगट किया, जो हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार मुझे सौंपा गया।
क्योंकि तुम कैदियों के दु:ख में भी दु:खी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्द से लुटने दी; यह जानकर कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरनेवाली संपत्ति है।
मैं ने सिलवानुस के हाथ, जिसे मैं विश्वासयोग्य भाई समझता हूँ, संक्षेप में लिखकर तुम्हें समझाया है, और यह गवाही दी है कि परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह यही है, इसी में स्थिर रहो।
हम ने प्रेम इसी से जाना कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।
वे मेम्ने के लहू के कारण और अपनी गवाही के वचन के कारण उस पर जयवन्त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहाँ तक कि मृत्यु भी सह ली।
उनमें से हर एक को श्वेत वस्त्र दिया गया, और उनसे कहा गया कि और थोड़ी देर तक विश्राम करो, जब तक कि तुम्हारे संगी दास और भाई जो तुम्हारे समान वध होनेवाले हैं उनकी भी गिनती पूरी न हो ले।