इसलिये वे मूसा से वाद–विवाद करके कहने लगे, “हमें पीने का पानी दे।” मूसा ने उनसे कहा, “तुम मुझ से क्यों वाद–विवाद करते हो? और यहोवा की परीक्षा क्यों करते हो?”
प्रेरितों के काम 15:10 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तो अब तुम क्यों परमेश्वर की परीक्षा करते हो कि चेलों की गरदन पर ऐसा जूआ रखो, जिसे न हमारे बापदादे उठा सके थे और न हम उठा सकते हैं? पवित्र बाइबल सो अब शिष्यों की गर्दन पर एक ऐसा जुआ लाद कर जिसे न हम उठा सकते हैं और न हमारे पूर्वज, तुम परमेश्वर को झमेले में क्यों डालते हो? Hindi Holy Bible तो अब तुम क्यों परमेश्वर की परीक्षा करते हो कि चेलों की गरदन पर ऐसा जूआ रखो, जिसे न हमारे बाप दादे उठा सके थे और न हम उठा सकते। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो जूआ न तो हमारे पूर्वज ढोने में समर्थ थे और न हम, उसे शिष्यों के कन्धों पर लाद कर आप लोग अब परमेश्वर की परीक्षा क्यों ले रहे हैं? नवीन हिंदी बाइबल अतः अब तुम इन शिष्यों की गर्दन पर ऐसा जुआ रखकर परमेश्वर को क्यों परखते हो, जिसे न तो हमारे पूर्वज और न ही हम उठा सके? सरल हिन्दी बाइबल इसलिये अब तुम लोग इन शिष्यों की गर्दन पर वह जूआ रखकर परमेश्वर को क्यों परख रहे हो, जिसे न तो हम और न हमारे पूर्वज ही उठा पाए? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो अब तुम क्यों परमेश्वर की परीक्षा करते हो, कि चेलों की गर्दन पर ऐसा जूआ रखो, जिसे न हमारे पूर्वज उठा सकते थे और न हम उठा सकते हैं। |
इसलिये वे मूसा से वाद–विवाद करके कहने लगे, “हमें पीने का पानी दे।” मूसा ने उनसे कहा, “तुम मुझ से क्यों वाद–विवाद करते हो? और यहोवा की परीक्षा क्यों करते हो?”
वे एक ऐसे भारी बोझ को जिसको उठाना कठिन है, बाँधकर उन्हें मनुष्यों के कन्धों पर रखते हैं; परन्तु स्वयं उसे अपनी उंगली से भी सरकाना नहीं चाहते।
पतरस ने उससे कहा, “यह क्या बात है कि तुम दोनों ने प्रभु के आत्मा की परीक्षा के लिये एका किया? देख, तेरे पति के गाड़नेवाले द्वार ही पर खड़े हैं, और तुझे भी बाहर ले जाएँगे।”
पर अब जो तुम ने परमेश्वर को पहचान लिया वरन् परमेश्वर ने तुम को पहचाना, तो उन निर्बल और निकम्मी आदि–शिक्षा की बातों की ओर क्यों फिरते हो, जिनके तुम दोबारा दास होना चाहते हो?
मसीह ने स्वतंत्रता के लिये हमें स्वतंत्र किया है; अत: इसी में स्थिर रहो, और दासत्व के जूए में फिर से न जुतो।
यह तम्बू वर्तमान समय के लिये एक दृष्टान्त है; जिसमें ऐसी भेंट और बलिदान चढ़ाए जाते हैं, जिनसे आराधना करनेवालों के विवेक सिद्ध नहीं हो सकते।