तब मैं ने दृष्टि की और क्या देखा, कि मेरी ओर एक हाथ बढ़ा हुआ है और उस में एक पुस्तक है।
प्रेरितों के काम 11:5 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “मैं याफा नगर में प्रार्थना कर रहा था, और बेसुध होकर एक दर्शन देखा कि एक पात्र, बड़ी चादर के समान चारों कोनों से लटकाया हुआ, आकाश से उतरकर मेरे पास आया। पवित्र बाइबल “मैंने याफा नगर में प्रार्थना करते हुए समाधि में एक दृश्य देखा। मैंने देखा कि एक बड़ी चादर जैसी कोई वस्तु नीचे उतर रही है, उसे चारों कोनों से पकड़ कर आकाश से धरती पर उतारा जा रहा है। फिर वह उतर कर मेरे पास आ गयी। Hindi Holy Bible कि मैं याफा नगर में प्रार्थना कर रहा था, और बेसुध होकर एक दर्शन देखा, कि एक पात्र, बड़ी चादर के समान चारों कोनों से लटकाया हुआ, आकाश से उतरकर मेरे पास आया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “मैं याफा नगर में प्रार्थना करते समय आत्मा से आविष्ट हो गया। मैंने दर्शन देखा कि लम्बी-चौड़ी चादर-जैसा कोई पात्र स्वर्ग से उतर रहा है और उसके चारों कोने मेरे पास नीचे रखे जा रहे हैं। नवीन हिंदी बाइबल “मैं याफा नगर में प्रार्थना कर रहा था, और मैंने बेसुध दशा में एक दर्शन देखा कि एक पात्र, बड़ी चादर के समान चारों कोनों से लटकता हुआ, आकाश से उतरकर मेरे पास आया। सरल हिन्दी बाइबल “जब मैं योप्पा नगर में प्रार्थना कर रहा था, अवचेतन अवस्था में मैंने दर्शन में एक चादर जैसी वस्तु को चारों कोनों से लटके हुए स्वर्ग से नीचे उतरते देखा. वह वस्तु मेरे एकदम पास आ गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मैं याफा नगर में प्रार्थना कर रहा था, और बेसुध होकर एक दर्शन देखा, कि एक बड़ी चादर, एक पात्र के समान चारों कोनों से लटकाया हुआ, आकाश से उतरकर मेरे पास आया। |
तब मैं ने दृष्टि की और क्या देखा, कि मेरी ओर एक हाथ बढ़ा हुआ है और उस में एक पुस्तक है।
उसने कहा, “हे आमोस, तुझे क्या देख पड़ता है?” मैं ने कहा, “धूपकाल के फलों से भरी एक टोकरी।” तब यहोवा ने मुझ से कहा, “मेरी प्रजा इस्राएल का अन्त आ गया है; मैं अब उसको और न छोड़ूँगा।”
दमिश्क में हनन्याह नामक एक चेला था, उससे प्रभु ने दर्शन में कहा, “हे हनन्याह!” उसने कहा, “हाँ, प्रभु।”
याफा में तबीता अर्थात् दोरकास नामक एक विश्वासिनी रहती थी। वह बहुत से भले–भले काम और दान किया करती थी।
इसलिये कि लुद्दा याफा के निकट था, चेलों ने यह सुनकर कि पतरस वहाँ है, दो मनुष्य भेजकर उससे विनती की, “हमारे पास आने में देर न कर।”