वह जाति–जाति के लिये झण्डा खड़ा करके इस्राएल के सब निकाले हुओं को, और यहूदा के सब बिखरे हुओं को पृथ्वी की चारों दिशाओं से इकट्ठा करेगा।
प्रकाशितवाक्य 7:1 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसके बाद मैं ने पृथ्वी के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूत खड़े देखे। वे पृथ्वी की चारों हवाओं को थामे हुए थे ताकि पृथ्वी या समुद्र या किसी पेड़ पर हवा न चले। पवित्र बाइबल इसके बाद धरती के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूतों को मैंने खड़े देखा। धरती की चारों हवाओं को रोक के रखा था ताकि धरती पर, सागर पर अथवा वृक्षों पर उनमें से किसी पर भी हवा चल ना पाये। Hindi Holy Bible इसके बाद मैं ने पृथ्वी के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूत खड़े देखे, वे पृथ्वी की चारों हवाओं को थामे हुए थे ताकि पृथ्वी, या समुद्र, या किसी पेड़ पर, हवा न चले। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसके बाद मैंने पृथ्वी के चार कोनों पर चार स्वर्गदूतों को खड़ा देखा। वे पृथ्वी के चारों पवनों को रोक रहे थे, जिसके फलस्वरूप कोई भी पवन न पृथ्वी पर बह रहा था, न समुद्र पर और न किसी वृक्ष पर ही। नवीन हिंदी बाइबल इसके बाद मैंने चार स्वर्गदूतों को पृथ्वी के चारों कोनों पर खड़े देखा, जो पृथ्वी की चारों ओर की हवाओं को थामे हुए थे ताकि पृथ्वी, समुद्र या किसी पेड़ पर हवा न चले। सरल हिन्दी बाइबल इसके बाद मैंने देखा कि चार स्वर्गदूत पृथ्वी के चारों कोनों पर खड़े हुए पृथ्वी की चारों दिशाओं का वायु प्रवाह रोके हुए हैं कि न तो पृथ्वी पर वायु प्रवाहित हो, न ही समुद्र पर और न ही किसी पेड़ पर. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसके बाद मैंने पृथ्वी के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूत खड़े देखे, वे पृथ्वी की चारों हवाओं को थामे हुए थे ताकि पृथ्वी, या समुद्र, या किसी पेड़ पर, हवा न चले। (दानि. 7:2, जक. 6:5) |
वह जाति–जाति के लिये झण्डा खड़ा करके इस्राएल के सब निकाले हुओं को, और यहूदा के सब बिखरे हुओं को पृथ्वी की चारों दिशाओं से इकट्ठा करेगा।
मैं यहोवा उसकी रक्षा करता हूँ; मैं क्षण क्षण उसको सींचता रहूँगा। मैं रात–दिन उसकी रक्षा करता रहूँगा, ऐसा न हो कि कोई उसकी हानि करे।
जब तू ने उसे निकाला, तब सोच–विचार कर उसको दु:ख दिया : उसने पुरवाई के दिन उसको प्रचण्ड वायु से उड़ा दिया है।
और मैं आकाश के चारों ओर से वायु बहाकर उन्हें चारों दिशाओं* की ओर यहाँ तक तितर–बितर करूँगा, कि ऐसी कोई जाति न रहेगी जिसमें एलामी भागते हुए न आएँ।
तब उसने मुझ से कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, साँस से भविष्यद्वाणी कर, और साँस से भविष्यद्वाणी करके कह, हे साँस परमेश्वर यहोवा यों कहता है : चारों दिशाओं से आकर इन घात किए हुओं में समा जा कि ये जी उठें।”
“हे मनुष्य के सन्तान, प्रभु यहोवा इस्राएल की भूमि के विषय में यों कहता है : कि अन्त हुआ; चारों कोनों समेत देश का अन्त आ गया है।
जब वह बड़ा होगा, तब उसका राज्य टूटेगा और चारों दिशाओं में बटकर अलग अलग हो जाएगा; और न तो उसके राज्य की शक्ति ज्यों की त्यों रहेगी और न उसके वंश को कुछ मिलेगा; क्योंकि उसका राज्य उखड़कर, उनकी अपेक्षा और लोगों को प्राप्त होगा।
दानिय्येल ने यह कहा, “मैं ने रात को यह स्वप्न देखा कि महासागर पर चारों ओर आँधी चलने लगी।
तब बकरा अत्यन्त बड़ाई मारने लगा, और जब बलवन्त हुआ, तब उसका बड़ा सींग टूट गया, और उसके बदले देखने योग्य चार सींग निकलकर चारों दिशाओं की ओर बढ़ने लगे।
तब यहोवा ने समुद्र में एक प्रचण्ड आँधी चलाई, और समुद्र में बड़ी आँधी उठी, यहाँ तक कि जहाज़ टूटने पर था।
मैं ने फिर आँखें उठाईं, और क्या देखा कि दो पहाड़ों के बीच से चार रथ चले आते हैं; और वे पहाड़ पीतल के हैं।
दूत ने मुझ से कहा, “ये आकाश की चारों वायु हैं जो सारी पृथ्वी के प्रभु के पास उपस्थित रहते हैं, परन्तु अब निकल आए हैं।
वह तुरही के बड़े शब्द के साथ अपने दूतों को भेजेगा, और वे आकाश के इस छोर से उस छोर तक, चारों दिशाओं से उसके चुने हुओं को इकट्ठा करेंगे।
उस समय वह अपने दूतों को भेजकर, पृथ्वी के इस छोर से आकाश के उस छोर तक, चारों दिशाओं से अपने चुने हुए लोगों को इकट्ठा करेगा।
वह उन जातियों को जो पृथ्वी के चारों ओर होंगी, अर्थात् गोग और मागोग को जिनकी गिनती समुद्र की बालू के बराबर होगी, भरमाकर लड़ाई के लिये इकट्ठा करने को निकलेगा।
और मैं ने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, “दीनार का सेर भर गेहूँ, और दीनार का तीन सेर जौ, पर तेल और दाखरस की हानि न करना।”
“जब तक हम अपने परमेश्वर के दासों के माथे पर मुहर न लगा दें, तब तक पृथ्वी और समुद्र और पेड़ों को हानि न पहुँचाना।”
पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और लहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुई, और पृथ्वी पर डाली गई; और पृथ्वी की एक तिहाई जल गई, और पेड़ों की एक तिहाई जल गई, और सब हरी घास भी जल गई।
मानो कोई छठवें स्वर्गदूत से, जिसके पास तुरही थी, कह रहा है, “उन चार स्वर्गदूतों को जो बड़ी नदी फुरात के पास बन्धे हुए हैं, खोल दे।”
उनसे कहा गया कि न पृथ्वी की घास को, न किसी हरियाली को, न किसी पेड़ को हानि पहुँचाएँ, केवल उन मनुष्यों को हानि पहुँचाएँ जिनके माथे पर परमेश्वर की मुहर नहीं है।