प्रकाशितवाक्य 18:14 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अब तेरे मन भावने फल तेरे पास से जाते रहे, और स्वादिष्ट और भड़कीली वस्तुएँ तुझ से दूर हुई हैं, और वे फिर कदापि न मिलेंगी। पवित्र बाइबल ‘हे बाबुल! वे सभी उत्तम वस्तुएँ, जिनमें तेरा हृदय रमा था, तुझे सब छोड़ चली गयी हैं तेरा सब विलास वैभव भी आज नहीं है। अब न कभी वे तुझे मिलेंगी।’ Hindi Holy Bible अब मेरे मन भावने फल तेरे पास से जाते रहे; और स्वादिष्ट और भड़कीली वस्तुएं तुझ से दूर हुई हैं, और वे फिर कदापि न मिलेंगी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसलिए व्यापारी बोले, “ओ महानगरी! तू जिस फल की कामना करती थी, वह तुझ से दूर चला गया। तेरे सारे वैभव और तड़क-भड़क का सर्वनाश हो गया। तू यह सब फिर नहीं देखेगी।” नवीन हिंदी बाइबल तेरे मन भावने फल तुझसे दूर हो गए, और तेरी हर प्रकार की विलासिता और वैभव की वस्तुएँ तुझमें से नष्ट हो गईं, और वे अब फिर कभी नहीं मिलेंगी। सरल हिन्दी बाइबल “जिस फल से संतुष्ट होने की तुमने इच्छा की थी, वह अब रही ही नहीं. विलासिता और ऐश्वर्य की सभी वस्तुएं तुम्हें छोड़कर चली गईं. वे अब तुम्हें कभी न मिल सकेंगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अब तेरे मनभावने फल तेरे पास से जाते रहे; और सुख-विलास और वैभव की वस्तुएँ तुझ से दूर हुई हैं, और वे फिर कदापि न मिलेंगी। |
और उस स्थान का नाम किब्रोथत्तावा पड़ा, क्योंकि जिन लोगों ने कामुकता की थी उनको वहाँ मिट्टी दी गई।
फिर जो मिली–जुली भीड़ उनके साथ थी वह कामुकता करने लगी; और इस्राएली भी फिर रोने और कहने लगे, “हमें मांस खाने को कौन देगा।
फिर तुम क्या देखने गए थे? क्या कोमल वस्त्र पहिने हुए मनुष्य को? देखो, जो कोमल वस्त्र पहिनते हैं, वे राजभवनों में रहते हैं।
परन्तु परमेश्वर ने उससे कहा, ‘हे मूर्ख! इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा; तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है वह किसका होगा?’
परन्तु अब्राहम ने कहा, ‘हे पुत्र, स्मरण कर कि तू अपने जीवन में अच्छी वस्तुएँ ले चुका है, और वैसे ही लाजर बुरी वस्तुएँ : परन्तु अब वह यहाँ शान्ति पा रहा है, और तू तड़प रहा है।
ये बातें हमारे लिये दृष्टान्त ठहरीं, कि जैसे उन्होंने लालच किया, वैसे हम बुरी वस्तुओं का लालच न करें;
तुम लालसा रखते हो, और तुम्हें मिलता नहीं; इसलिये तुम हत्या करते हो। तुम डाह करते हो, और कुछ प्राप्त नहीं कर पाते; तो तुम झगड़ते और लड़ते हो। तुम्हें इसलिये नहीं मिलता कि माँगते नहीं।
और दालचीनी, मसाले, धूप, इत्र, लोबान, मदिरा, तेल, मैदा, गेहूँ, गाय–बैल, भेड़–बकरियाँ, घोड़े, रथ, और दास, और मनुष्यों के प्राण।
इन वस्तुओं के व्यापारी जो उसके द्वारा धनवान हो गए थे, उसकी पीड़ा के डर के मारे दूर खड़े होंगे, और रोते और कलपते हुए कहेंगे,