तब अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, “सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूँ, ‘अम्नोन को मारो,’ तब निडर होकर उसको मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूँ? हियाव बाँधकर पुरुषार्थ करना।”
न्यायियों 16:25 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब उनका मन मगन हो गया, तब उन्हों ने कहा, “शिमशोन को बुलवा लो कि वह हमारे लिये तमाशा करे।” इसलिये शिमशोन बन्दीगृह में से बुलवाया गया, और उनके लिये तमाशा करने लगा, और खम्भों के बीच खड़ा कर दिया गया। पवित्र बाइबल लोग उत्सव में खुशी मना रहे थे। इसलिए उन्होंने कहा, “शिमशोन को बाहर लाओ। हम उसका मजाक उड़ाना चाहते हैं।” इसलिए वे शिमशोन को बन्दीगृह से बाहर ले आए और उसका मजाक उड़ाया। उन्होंने शिमशोन को दागोन देवता के मन्दिर के स्तम्भों के बीच खड़ा किया। Hindi Holy Bible जब उनका मन मगन हो गया, तब उन्होंने कहा, शिमशोन को बुलवा लो, कि वह हमारे लिये तमाशा करे। इसलिये शिमशोन बन्दीगृह में से बुलवाया गया, और उनके लिये तमाशा करने लगा, और खम्भों के बीच खड़ा कर दिया गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब वे प्रसन्नचित थे तब उन्होंने कहा, ‘शिमशोन को बुलाओ। वह हमारा मनोरंजन करेगा।’ अत: उन्होंने शिमशोन को बन्दीगृह से बुला लिया। शिमशोन ने उनका मनोरंजन किया। तत्पश्चात् उन्होंने शिमशोन को भवन के खंभों के मध्य खड़ा कर दिया। सरल हिन्दी बाइबल जब वे इस प्रकार के उल्लास में लीन थे, उन्होंने प्रस्ताव किया, “शिमशोन को बुलवाया जाए कि वह हमारा मनोरंजन करे.” तब उन्होंने कारागार से शिमशोन को बुलवाया और वह उनका मनोरंजन करने लगा. उन्होंने शिमशोन को मीनारों के बीच में खड़ा कर दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब उनका मन मगन हो गया, तब उन्होंने कहा, “शिमशोन को बुलवा लो, कि वह हमारे लिये तमाशा करे।” इसलिए शिमशोन बन्दीगृह में से बुलवाया गया, और उनके लिये तमाशा करने लगा, और खम्भों के बीच खड़ा कर दिया गया। |
तब अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, “सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूँ, ‘अम्नोन को मारो,’ तब निडर होकर उसको मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूँ? हियाव बाँधकर पुरुषार्थ करना।”
यह वचन सुनते ही वह जो अन्य राजाओं समेत डेरों में पी रहा था, उस ने अपने कर्मचारियों से कहा, “पाँति बाँधो,” तब उन्होंने नगर के विरुद्ध पाँति बाँधी।
सातवें दिन, जब राजा का मन दाखमधु में मग्न था, तब उसने महूमान, बिजता, हर्बोना, बिगता, अबगता, जेतेर और कर्कस नामक सातों खोजों को जो क्षयर्ष राजा के सम्मुख सेवा टहल किया करते थे, आज्ञा दी,
यह आज्ञा शूशन गढ़ में दी गई, और हरकारे राजा की आज्ञा से तुरन्त निकल गए। राजा और हामान तो दाखमधु पीने बैठ गए, परन्तु शूशन नगर में घबराहट फैल गई।
फाटक के पास बैठनेवाले मेरे विषय बातचीत करते हैं, और मदिरा पीनेवाले मुझ पर लगता हुआ गीत गाते हैं।
क्योंकि जिसको तू ने मारा, वे उसके पीछे पड़े हैं, और जिनको तू ने घायल किया, वे उनकी पीड़ा की चर्चा करते हैं।
परन्तु क्या देखा कि हर्ष और आनन्द मनाया जा रहा है, गाय–बैल का घात और भेड़–बकरी का वध किया जा रहा है, मांस खाया और दाखमधु पीया जा रहा है, और कहते हैं, “आओ खाएँ–पीएँ, क्योंकि कल तो हमें मरना है।”
और काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा, और उसके दाहिने हाथ में सरकण्डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठों में उड़ाने लगे और कहा, “हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!”
कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने; और कोड़े खाने वरन् बाँधे जाने, और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।
और जब लोगों ने उसे देखा, तब यह कहकर अपने देवता की बड़ाई की, “हमारे देवता ने हमारे शत्रु, और हमारे देश का नाश करनेवाले को, जिस ने हम में से बहुतों को मार भी डाला, हमारे हाथ में कर दिया है।”
तब शिमशोन ने उस लड़के से जो उसका हाथ पकड़े था कहा, “मुझे उन खम्भों को, जिनसे घर सम्भला हुआ है, छूने दे कि मैं उस पर टेक लगाऊँ।”
तब पुरोहित प्रसन्न हुआ, इसलिये वह एपोद, गृहदेवता, और खुदी हुई मूरत को लेकर उन लोगों के संग चला गया।
तब उन दोनों ने बैठकर संग संग खाया–पिया; फिर स्त्री के पिता ने उस पुरुष से कहा, “और एक रात टिके रह और आनन्द कर।”
जब वह पुरुष अपनी रखैल और सेवक समेत विदा होने को उठा, तब उसके ससुर अर्थात् स्त्री के पिता ने उससे कहा, “देख, दिन तो ढल चला है, और साँझ होने पर है; इसलिये तुम लोग रात भर टिके रहो। देख, दिन तो डूबने पर है; इसलिये यहीं आनन्द करता हुआ रात बिता, और सबेरे उठकर अपना मार्ग लेना, और अपने डेरे को चले जाना।”
और उन्होंने मैदान में जाकर अपनी अपनी दाख की बारियों के फल तोड़े और उनका रस रौंदा और स्तुति का बलिदान कर अपने देवता के मन्दिर में जाकर खाने–पीने और अबीमेलेक को कोसने लगे।