तब उसने यह सोचकर कि शेला सियाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई; अपना विधवापन का पहिरावा उतारा और घूँघट डालकर अपने को ढाँप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्नाथ के मार्ग में है, जा बैठी।
न्यायियों 15:2 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और उसके ससुर ने कहा, “मैं सचमुच यह जानता था कि तू उस से बैर ही रखता है, इसलिये मैं ने उसका तेरे संगी से विवाह कर दिया। क्या उसकी छोटी बहिन उससे सुन्दर नहीं है? उसके बदले उसी से विवाह कर ले।” पवित्र बाइबल उसके पिता ने शिमशोन से कहा, “मैंने सोचा कि तुम सचमुच अपनी पत्नी से घृणा करते हो अत: विवाह में सम्मिलित सबसे अच्छे व्यक्ति को मैंने उसे पत्नी के रुप में दे दिया। उसकी छोटी बहन उससे अधिक सुन्दर है। उसकी छोटी बहन को ले लो।” Hindi Holy Bible और उसके ससुर ने कहा, मैं सचमुच यह जानता था कि तू उस से बैर ही रखता है, इसलिये मैं ने उसे तेरे संगी को ब्याह दिया। क्या उसकी छोटी बहिन उस से सुन्दर नहीं है? उसके बदले उसी को ब्याह ले। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसके ससुर ने कहा, ‘मुझे पूर्ण निश्चय हो गया था कि तुम वास्तव में अपनी पत्नी से घृणा करने लगे हो। इसलिए मैंने उसे तुम्हारे वर-सखा को दे दिया। उसकी छोटी बहिन उससे अधिक सुन्दर है। अत: उसके बदले में उसकी छोटी बहिन को ले लो।’ सरल हिन्दी बाइबल उसके ससुर ने उससे कहा, “मुझे तो यह लगा कि तुम्हें उससे घोर नफरत हो गई है; इसलिये मैंने उसे तुम्हारे साथी को दे दिया है. सुनो, क्या उसकी छोटी बहन उससे अधिक सुंदर नहीं है? अपनी पत्नी के स्थान पर तुम उसकी छोटी बहन को ले लो.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसके ससुर ने कहा, “मैं सचमुच यह जानता था कि तू उससे बैर ही रखता है, इसलिए मैंने उसका तेरे साथी से विवाह कर दिया। क्या उसकी छोटी बहन उससे सुन्दर नहीं है? उसके बदले उसी से विवाह कर ले।” |
तब उसने यह सोचकर कि शेला सियाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई; अपना विधवापन का पहिरावा उतारा और घूँघट डालकर अपने को ढाँप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्नाथ के मार्ग में है, जा बैठी।
तब शिमशोन की पत्नी यह कहकर उसके सामने रोने लगी, “तू तो मुझ से प्रेम नहीं बैर ही रखता है। तू ने एक पहेली मेरी जाति के लोगों से तो कही है, परन्तु मुझ को उसका अर्थ भी नहीं बताया।” उसने कहा, “मैं ने उसे अपने माता–पिता को भी नहीं बताया, फिर क्या मैं तुझ को बता दूँ?”
और शिमशोन की पत्नी का उसके एक संगी के साथ जिससे उसने मित्र का सा बर्ताव किया था, विवाह कर दिया गया।
शिमशोन ने उन लोगों से कहा, “अब चाहे मैं पलिश्तियों की हानि भी करूँ, तौभी उनके विषय में निर्दोष ही ठहरूँगा।”