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नीतिवचन 25:18 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जो किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी देता है, वह मानो हथौड़ा और तलवार और पैना तीर है।

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पवित्र बाइबल

वह मनुष्य, जो झूठी साक्षी अपने साथी के विरोध में देता है वह तो है हथौड़ा सा अथवा तलवार सा या तीखे बाणा सा।

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Hindi Holy Bible

जो किसी के विरूद्ध झूठी साक्षी देता है, वह मानो हथौड़ा और तलवार और पैना तीर है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो मनुष्‍य अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठी साक्षी देता है, वह मानो गदा, या तलवार या पैना तीर है।

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नवीन हिंदी बाइबल

जो अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठी साक्षी देता है, वह घन, तलवार और पैने तीर के समान होता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

वह व्यक्ति, जो अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठा साक्षी हो जाता है, वह युद्ध के लिए प्रयुक्त लाठी, तलवार अथवा बाण के समान है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जो किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी देता है, वह मानो हथौड़ा और तलवार और पैना तीर है।

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नीतिवचन 25:18
12 क्रॉस रेफरेंस  

उनका बोलना साँप का काटना सा है, उनके मुँह में नाग का सा विष रहता है। (सेला)


तेरी जीभ केवल दुष्‍टता गढ़ती है; सान धरे हुए उस्तरे के समान वह छल का काम करती है।


उसके मुँह की बातें तो मक्खन सी चिकनी थीं परन्तु उसके मन में लड़ाई की बातें थीं; उसके वचन तेल से अधिक नरम तो थे परन्तु नंगी तलवारें थीं।


मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात् ऐसे मनुष्यों के बीच में जिनके दाँत बर्छी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज़ तलवार है।


“तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना।


ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोच–विचार का बोलना तलवार के समान चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं।


व्यर्थ अपने पड़ोसी के विरुद्ध साक्षी न देना, और न उसको फुसलाना।


अपने पड़ोसी के घर में बारम्बार जाने से अपने पाँव को रोक, ऐसा न हो कि वह खिन्न होकर घृणा करने लगे।


अपनी अपनी जीभ को वे धनुष के समान झूठ बोलने के लिये तैयार करते हैं, और देश में बलवन्त तो हो गए, परन्तु सच्‍चाई के लिये नहीं; वे बुराई पर बुराई बढ़ाते जाते हैं, और वे मुझ को जानते ही नहीं, यहोवा की यही वाणी है।


उनकी जीभ काल के तीर के समान बेधनेवाली है, उस से छल की बातें निकलती हैं; वे मुँह से तो एक दूसरे से मेल की बात बोलते हैं पर मन ही मन एक दूसरे की घात में लगे रहते हैं।


जीभ भी एक आग है; जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है, और सारी देह पर कलंक लगाती है, और जीवन–गति में आग लगा देती है, और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है।