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नीतिवचन 23:29 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

कौन कहता है, हाय? कौन कहता है, हाय हाय? कौन झगड़े रगड़े में फँसता है? कौन बक बक करता है? किसके अकारण घाव होते हैं? किसकी आँखें लाल हो जाती हैं?

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पवित्र बाइबल

कौन विपत्ति में है कौन दुःख में पड़ा है कौन झगड़े—टंटों में किसकी शिकायतें हैं कौन व्यर्थ चकना चूर किसकी आँखें लाल हैं वे जो निरन्तर दाखमधु पीते रहते हैं और जिसमें मिश्रित मधु की ललक होती है!

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Hindi Holy Bible

कौन कहता है, हाय? कौन कहता है, हाय हाय? कौन झगड़े रगड़े में फंसता है? कौन बक बक करता है? किस के अकारण घाव होते हैं? किस की आंखें लाल हो जाती हैं?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

कौन दु:खी है? कौन शोक मनाता है? कौन लड़ाई-झगड़ा करता है? कौन शिकायत करता है? अकारण ही कौन घायल होता है? किसकी आंखें लाल रहती हैं?

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नवीन हिंदी बाइबल

कौन कहता है, हाय? कौन दुःख में है? कौन झगड़ों में फँसा है? कौन शिकायतें करता है? कौन अकारण घायल है? कौन है जिसकी आँखें लाल हैं?

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सरल हिन्दी बाइबल

कौन है शोक संतप्‍त? कौन है विपदा में? कौन विवादग्रस्त है? और कौन असंतोष में पड़ा है? किस पर अकारण ही घाव हुए है? किसके नेत्र लाल हो गए हैं?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

कौन कहता है, हाय? कौन कहता है, हाय, हाय? कौन झगड़े-रगड़े में फँसता है? कौन बक-बक करता है? किसके अकारण घाव होते हैं? किसकी आँखें लाल हो जाती हैं?

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नीतिवचन 23:29
16 क्रॉस रेफरेंस  

अत: उन्होंने उसी दिन रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया, तब बड़ी बेटी जाकर अपने पिता के पास लेट गई; पर उसने न जाना कि वह कब लेटी और कब उठ गई।


उसकी आँखें दाखमधु से चमकीली, और उसके दाँत दूध से श्‍वेत होंगे।


तब दाऊद ने उसे नेवता दिया, और उसने उसके सामने खाया पिया, और उसी ने उसे मतवाला किया; और साँझ को वह अपने स्वामी के सेवकों के संग अपनी चारपाई पर सोने को निकला, परन्तु अपने घर न गया।


तब अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, “सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूँ, ‘अम्नोन को मारो,’ तब निडर होकर उसको मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूँ? हियाव बाँधकर पुरुषार्थ करना।”


दाखमधु ठट्ठा करनेवाला और मदिरा हल्‍ला मचानेवाली है; जो कोई उसके कारण चूक करता है, वह बुद्धिमान नहीं।


दाखमधु के पीनेवालों में न होना, न मांस के अधिक खानेवालों की संगति करना;


क्योंकि पियक्‍कड़ और पेटू अपना भाग खोते हैं, और पीनकवाले को चिथड़े पहिनने पड़ते हैं।


हाय उन पर जो बड़े तड़के उठकर मदिरा पीने लगते हैं और बड़ी रात तक दाखमधु पीते रहते हैं जब तक उनको गर्मी न चढ़ जाए!


हाय उन पर जो दाखमधु पीने में वीर और मदिरा को तेज बनाने में बहादुर हैं,


क्योंकि चाहे वे काँटों से उलझे हुए हों, और मदिरा के नशे में चूर भी हों, तौभी वे सूखी खूँटी के समान भस्म किए जाएँगे।


दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इससे लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ,