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नीतिवचन 16:27 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

अधर्मी मनुष्य बुराई की युक्‍ति निकालता है, और उसके वचनों से आग लग जाती है।

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पवित्र बाइबल

बुरा मनुष्य षड्यन्त्र रचता है, और उसकी वाणी ऐसी होती है जैसे झुलसाती आग।

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Hindi Holy Bible

अधर्मी मनुष्य बुराई की युक्ति निकालता है, और उसके वचनों से आग लग जाती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

अधर्मी मनुष्‍य बुराई की योजनाएं बनाता है; उसकी वाणी मानो धधकती अग्‍नि है।

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नवीन हिंदी बाइबल

दुष्‍ट मनुष्य बुराई की युक्‍ति निकालता है, और उसके शब्द झुलसानेवाली आग के समान होते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

अधर्मी व्यक्ति बुराई की योजना करता रहता है, और जब वह बातें करता है, तो उसके शब्द भड़कती अग्नि-समान होते हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

अधर्मी मनुष्य बुराई की युक्ति निकालता है, और उसके वचनों से आग लग जाती है।

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नीतिवचन 16:27
15 क्रॉस रेफरेंस  

वहाँ संयोग से शेबा नामक एक बिन्यामीनी था, वह ओछा पुरुष बिक्री का पुत्र था; वह नरसिंगा फूँककर कहने लगा, “दाऊद में हमारा कुछ अंश नहीं, और न यिशै के पुत्र में हमारा कोई भाग है; हे इस्राएलियो, अपने अपने डेरे को चले जाओ!”


मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात् ऐसे मनुष्यों के बीच में जिनके दाँत बर्छी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज़ तलवार है।


परिश्रमी की लालसा उसके लिये परिश्रम करती है, उसकी भूख उसको उभारती रहती है।


टेढ़ा मनुष्य बहुत झगड़े को उठाता है, और कानाफूसी करनेवाला परम मित्रों में भी फूट करा देता है।


आँख मूँदनेवाला छल की कल्पनाएँ करता है, और ओंठ दबानेवाला बुराई करता है।


अधर्मी साक्षी न्याय को ठट्ठों में उड़ाता है, और दुष्‍ट लोग अनर्थ काम निगल लेते हैं।


और उसको चाँदी के समान ढूँढ़े, और गुप्‍त धन के समान उसकी खोज में लगा रहे;


ओछे और अनर्थकारी को देखो, वह टेढ़ी टेढ़ी बातें बकता फिरता है,


उसके मन में उलट–फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा–रगड़ा उत्पन्न करता है।


हाय उन पर जो अधर्म को अनर्थ की रस्सियों से और पाप को मानो गाड़ी के रस्से से खींच ले आते हैं,


देखो, क्या सेनाओं के यहोवा की ओर से यह नहीं होता कि देश–देश के लोग परिश्रम तो करते हैं परन्तु वे आग का कौर होते हैं; और राज्य–राज्य के लोगों का परिश्रम व्यर्थ ही ठहरता है?


जीभ भी एक आग है; जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है, और सारी देह पर कलंक लगाती है, और जीवन–गति में आग लगा देती है, और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है।


इसलिये अब सोच विचार कर कि क्या करना चाहिए; क्योंकि उन्होंने हमारे स्वामी की और उसके समस्त घराने की हानि करना ठान लिया होगा, वह तो ऐसा दुष्‍ट है कि उस से कोई बोल भी नहीं सकता।”