“मैं क्या हूँ और मेरी प्रजा क्या है कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है।
निर्गमन 35:29 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिस जिस वस्तु के बनाने की आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसके लिये जो कुछ आवश्यक था, उसे वे सब पुरुष और स्त्रियाँ ले आईं, जिनके हृदय में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी। इस प्रकार इस्राएली यहोवा के लिये अपनी ही इच्छा से भेंट ले आए। पवित्र बाइबल इस्राएल के वे सभी लोग जिनके मन में प्रेरणा हुई यहोवा के लिए भेंट लाए। ये भेटें मुक्त भाव से दी गई थीं, लोगों ने इन्हें दिया क्योंकि वे देना चाहते थे। ये भेंट उन सभी चीज़ों के बनाने के लिए उपयोग में आई जिन्हें यहोवा ने मूसा और लोगों को बनाने का आदेश दिया था। Hindi Holy Bible जिस जिस वस्तु के बनाने की आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसके लिये जो कुछ आवश्यक था, उसे वे सब पुरूष और स्त्रियां ले आई, जिनके हृदय में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी। इस प्रकार इस्त्राएली यहोवा के लिये अपनी ही इच्छा से भेंट ले आए॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: जिन कार्यों को सम्पन्न करने का आदेश प्रभु ने मूसा के द्वारा दिया था, उनके लिए स्त्रियाँ और पुरुष, जिनके हृदय ने स्वेच्छा से देने को प्रेरित किया, भेंट ले आए। इस प्रकार इस्राएली समाज ने प्रभु को स्वेच्छा-बलि चढ़ाई। नवीन हिंदी बाइबल जिन-जिन कार्यों को करने के लिए यहोवा ने मूसा के द्वारा आज्ञा दी थी, उनके लिए इस्राएल के सब स्त्री और पुरुष, अर्थात् जिनके मनों ने उन्हें भेंट लाने के लिए उभारा था यहोवा के लिए स्वेच्छा से भेंट ले आए। सरल हिन्दी बाइबल सभी इस्राएली स्त्री-पुरुष जिनकी इच्छा थी, याहवेह के लिये मोशेह को दी गई आज्ञा के अनुसार सारे कार्य करने के लिये याहवेह के लिए भेंट लाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिस-जिस वस्तु के बनाने की आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसके लिये जो कुछ आवश्यक था, उसे वे सब पुरुष और स्त्रियाँ ले आईं, जिनके हृदय में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी। इस प्रकार इस्राएली यहोवा के लिये अपनी ही इच्छा से भेंट ले आए। |
“मैं क्या हूँ और मेरी प्रजा क्या है कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है।
हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूँ कि तू मन को जाँचता है और सिधाई से प्रसन्न रहता है, मैं ने तो यह सब कुछ मन की सिधाई और अपनी इच्छा से दिया है; और अब मैं ने आनन्द से देखा है कि तेरी प्रजा के लोग जो यहाँ उपस्थित हैं, वे अपनी इच्छा से तेरे लिये भेंट देते हैं।
फिर मेरा मन अपने परमेश्वर के भवन में लगा है, इस कारण जो कुछ मैं ने पवित्र भवन के लिये इकट्ठा किया है, उस सबसे अधिक मैं अपना निज धन भी जो सोना चाँदी के रूप में मेरे पास है, अपने परमेश्वर के भवन के लिये दे देता हूँ।
तब पितरों के घरानों के प्रधानों और इस्राएल के गोत्रों के हाकिमों, और सहस्रपतियों और शतपतियों, और राजा के काम के अधिकारियों ने अपनी अपनी इच्छा से,
उसके हाकिमों ने प्रजा के लोगों, याजकों और लेवियों को स्वेच्छाबलियों के लिये पशु दिए। और हिल्किय्याह, जकर्याह, और यहीएल नामक परमेश्वर के भवन के प्रधानों ने याजकों को दो हज़ार छ: सौ भेड़–बकरियाँ और तीन सौ बैल फसह के बलिदानों के लिये दिए।
उसके बाद नित्य होमबलि और नये नये चाँद और यहोवा के पवित्र किए हुए सब नियत पर्वों के बलि और अपनी अपनी इच्छा से यहोवा के लिये सब स्वेच्छाबलि हर एक के लिये बलि चढ़ाए।
मैं ने उनसे कहा, “तुम तो यहोवा के लिये पवित्र हो, और ये पात्र भी पवित्र हैं; और यह चाँदी और सोना भेंट का है, जो तुम्हारे पितरों के परमेश्वर यहोवा के लिये प्रसन्नता से दी गई।
फिर मूसा ने इस्राएलियों की सारी मण्डली से कहा, “जिस बात की आज्ञा यहोवा ने दी है वह यह है।
तुम्हारे पास से यहोवा के लिये भेंट ली जाए, अर्थात् जितने अपनी इच्छा से देना चाहें वे यहोवा की भेंट करके ये वस्तुएँ ले आएँ; अर्थात् सोना, चाँदी, पीतल;
और इस्राएली जो जो भेंट पवित्रस्थान की सेवा के काम और उसके बनाने के लिये ले आए थे, उन्हें उन पुरुषों ने मूसा के हाथ से ले लिया। तब भी लोग प्रति भोर को उसके पास भेंट अपनी इच्छा से लाते रहे;
व्यवस्था और चितौनी ही की चर्चा किया करो! यदि वे लोग इन वचनों के अनुसार न बोलें तो निश्चय उनके लिये पौ न फटेगी।
और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ : और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ।”
अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिनके द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया।
क्योंकि यदि अपनी इच्छा से यह करता हूँ तो मजदूरी मुझे मिलती है, और यदि अपनी इच्छा से नहीं करता तौभी भण्डारीपन मुझे सौंपा गया है।
हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़ कुढ़ के और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।
“जितनी बातों की मैं तुम को आज्ञा देता हूँ उनको चौकस होकर माना करना; और न तो कुछ उनमें बढ़ाना और न उनमें से कुछ घटाना।
जो आज्ञा मैं तुम को सुनाता हूँ उसमें न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की जो जो आज्ञा मैं तुम्हें सुनाता हूँ उन्हें तुम मानना।
हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा। तुम यह अच्छा करते हो जो यह समझकर उस पर ध्यान करते हो कि वह एक दीया है, जो अन्धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।
“इस्राएल के अगुवों ने जो अगुवाई की और प्रजा जो अपनी ही इच्छा से भरती हुई, इसके लिये यहोवा को धन्य कहो!
मेरा मन इस्राएल के हाकिमों की ओर लगा है, जो प्रजा के बीच में अपनी ही इच्छा से भरती हुए। यहोवा को धन्य कहो।