अत: जब विश्रामवार के पहले दिन को यरूशलेम के फाटकों के आसपास अन्धेरा होने लगा, तब मैं ने आज्ञा दी, कि उनके पल्ले बन्द किए जाएँ, और यह भी आज्ञा दी, कि वे विश्रामवार के पूरे होने तक खोले न जाएँ। तब मैं ने अपने कुछ सेवकों को फाटकों का अधिकारी ठहरा दिया, कि विश्रामवार को कोई बोझ भीतर आने न पाए।
तब मैं ने उनको चिताकर कहा, “तुम लोग शहरपनाह के सामने क्यों टिकते हो? यदि तुम फिर ऐसा करोगे तो मैं तुम पर हाथ बढ़ाऊँगा।” इसलिये उस समय से वे फिर विश्रामवार को नहीं आए।